ऐसा करने पर कोरोना से हो सकता है बड़ा बचाव, मगर घर में रहना है सबसे जरूरी

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योगी अरुण , ध्यान में मग्न.

कोरोना (corona virus) से पूरी दुनिया परेशान है. भारत में भी इसका बड़ा असर देखा जा रहा है. सभी के मन में सवाल है कि क्या कोरोना से बचने का कोई उपाय है. कोई योग या आसान है. मगर अभी कोई दावा नहीं कर सकता है कि कोई भी ऐसी बात है. लेकिन विश्व प्रसिद्ध योगी अरुण ने कुछ ऐसा किया है जो आपके काम आ सकती है. लेकिन इसके लिए आपको घर में ही रहना होगा. मास्क पहनना होगा. इसका मतलब ये नहीं की आप ये क्रिया करके फ्री होकर घूमे और टहले. ये आपको मदद जरूर करेगा . आइये पढ़िए पोलटॉक की ये स्टोरी

योगी अरुण ने ये लिखा है…

एक योग गुरु होने के नाते मेरा परम कर्तव्य है कि आपके स्वास्थ्य के लिए जो भी मुझसे बन सके मैं यौगिक माध्यम से कुछ सहयोग कर सकूँ। इसलिए मैंने एक बहुत ही प्रभावी यौगिक-क्रिया का वीडियो बनाया है। कोरोना से आप की रक्षा के लिए विशेष यौगिक-प्रयोग जो बहुत ही सरल और रामबाण की तरह प्रभावकारी है. इम्यूनिटीपॉवर (रोग-प्रतिरोधक क्षमता) को कई गुना बढ़ा देता है और पूर्ण रूप से डीटॉक्स कर देता है। मैं अपने 23 वर्षों के यौगिक-यात्रा के अनुभव के आधार पर यह कह रहा हूँ। इस क्रिया को पूरे दुनियाँ में लोग कई वर्षों से मेरे से सीख कर कर रहे हैं और वो लोग आज भी स्वस्थ हैं।

यदि अपने प्राण की रक्षा करनी है तो पहले विडीयो देखें और फिर अभ्यास करें। एक बार के अभ्यास में सिर्फ़ 70 सेकेंड का समय लगेगा फिर इसको 3 बार दुहराएँ। इस क्रिया को दिन में 3 से 4 बार करें। आपका परम कर्तव्य बनता है कि मानव कल्याण के लिए अपने वट्सऐप ग्रुप, ब्राडकास्ट लिस्ट, फ़ेसबूक व अन्य सोशल नेट्वर्क के माध्यम से सभी को शेयर करें। फ़्री में लोगों की सेवा होगी जिससे परिवार, समाज, देश और विश्व का कल्याण होगा। कोई सवाल हो तो प्रश्न ज़रूर पूछें।

जानिए योगी अरुण तिवारी के बारे में

अरुण योगी का जन्म 1979 में जौनपुर (वाराणसी और इलाहाबाद के मध्य), उ.प्र. भारत में हुआ. योगी जी पूज्य आचार्यश्री रूपचंद्र महाराज के शिष्य हैं और 23 वर्षों से उनके साथ कार्य कर रहे हैं। योगी जी ने योग को बहुत ही सरल, वैज्ञानिक, शोधात्मक व चिकित्सकीय ढंग से प्रस्तुत किया है। आप योग तो करते हैं परन्तु परिणाम नहीं आ रहे हैं तो योगी जी के मार्गदर्शन में पहले दिन से ही परिणाम आने लगेंगे। भारत में ही नहीं दुनिया के अनेकों देशों में जैसे श्रीलंका, यूरोप (स्वीडन, नार्वे, डेनमार्क, फिनलैंड, लुथवेनिया आदि) व अमेरिका, कनाडा आदि में योग-सुधार कार्यक्रम के माध्यम से हजारों लोगों तक योग को सही रूप से पहुँचाया है।

6 अगस्त 2013 को संयुक्त राष्ट्र संध (U.N.O.) के मुख्यालय, न्यू यॉर्क में योग प्रस्तुत कर एक इतिहास रच चुके हैं। पार्श्व कुंडलनी योग पर 15 वर्ष के शोध कार्यों द्वारा इस प्राचीन विधा को फिर से सही रूप में जीवित किया है। इस विधा का अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित भी किया जा चुका है। योगी जी विश्व की सबसे लघु यौगिक क्रिया का अविष्कार करके इतिहास बना चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय मानव मंदिर मिशन अमेरिका के सलाहकार और मानव मंदिर मिशन ट्रस्ट नई दिल्ली के निदेशक और ट्रस्टी है। मानव मंदिर मिशन अनेकों सामाजिक सेवा कार्यों के प्रोजेक्ट चलता हैं जैसे-शिक्षा, स्वास्थ्य और योग-साधना के क्षेत्र में।


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