विशेष : लगातार ‘हार’ का सामना कर रहे अजय को कांग्रेस ने दे दिया जीता हुआ ‘राज’

जब-जब कांग्रेस में अजय माकन (ajay makan) को बड़ी जिम्मेदारी मिली तब-तब सफलता नहीं मिली. अब फिर 5 साल बाद उन्हें कांग्रेस में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. राजस्थान के प्रदेश प्रभारी महासचिव बनाये गये हैं. अविनास पाण्डेय को राजस्थान से प्रभारी पद से हटा दिया गया है और अजय मकान को कमान मिली है. ऐसे में राजस्थान में सचिन पायलट गुट खुश हो गया है वही अशोक गहलोत का गुट इंतजार में है. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में अजय माकन. माकन को पिछले 15 साल में जब-जब कोई बड़ी जिम्मेदारी मिली उसमें इन्हें हार ज्यादा मिली. इसलिए तो ये चर्चा में बने रहे. 

0
1283
अजय माकन, प्रभारी महासचिव , राजस्थान
अजय माकन, प्रभारी महासचिव , राजस्थान

  • राहुल खेमे के माने जाते है पूर्व केन्द्रीय मंत्री अजय माकन
  • राजस्थान प्रदेश के बनाये गए प्रभारी महासचिव और अविनाश पांडे की छुट्टी 

संतोष कुमार पाण्डेय | सम्पादक

जयपुर | जब-जब कांग्रेस में अजय माकन (ajay makan) को बड़ी जिम्मेदारी मिली तब-तब सफलता नहीं मिली. अब फिर 5 साल बाद उन्हें कांग्रेस में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. राजस्थान के प्रदेश प्रभारी महासचिव बनाये गये हैं. अविनाश पांडे को राजस्थान प्रभारी महासचिव पद से हटा दिया गया है और अजय मकान को कमान मिली. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि लगातार हार का सामना कर रहे अजय को कांग्रेस ने जीते हुए राजस्थान की कमान दे दिया है. ऐसे में राजस्थान में सचिन पायलट गुट खुश हो गया है वही अशोक गहलोत का गुट इंतजार में है. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में अजय माकन हैं. माकन को पिछले 15 साल में जब-जब कोई बड़ी जिम्मेदारी मिली उसमें हार ज्यादा मिली और जीत कम.

कभी बसपा में ‘ब्राह्मणों’ का था राज और मायावती की थी सरकार ! अब क्यों याद आ रहे परशुराम !

पहली बार कांग्रेस को मिली थी बड़ी हार…

वर्ष 2015 में दिल्ली में विधानसभा चुनाव के दौरान अजय मकान को बड़ी जिम्मेदारी मिली. अजय माकन को चुनाव प्रचार कमेटी का अध्यक्ष मनोनीत किया था. कांग्रेस ने दिल्ली में अपनी गिरती साख को देखते हुए युवा चेहरे पर भरोसा जताते हुए पार्टी महासचिव व मुख्य प्रवक्ता अजय माकन को कमान सौंपी थी. नई दिल्ली के पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री माकन को यह जिम्मेदारी मिलने के बाद स्पष्ट हो गया था कि पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित उस बार दिल्ली की राजनीतिक फलक से दूर ही रहेंगी और हुआ भी. कांग्रेस दिल्ली में पहली बार बुरी तरह चुनाव हारी थी.

विपक्ष की आलोचना से परेशान हुए झारखंड के शिक्षामंत्री, 11वीं में लिया एडमिशन, बच्चों के साथ क्लास में पढ़ेंगे

अध्यक्ष बने और चार साल बाद दिया था इस्तीफ़ा

दिल्ली में 2015 के बाद अजय माकन को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. लेकिन उन्होंने 2019 में इस पद से इस्तीफा दे दिया था. उनका ट्वीट इस तरह था. 2015 विधान सभा के उपरान्त-बतौर @INCDelhi अध्यक्ष-पिछले 4 वर्षों से,दिल्ली कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा,कांग्रेस कवर करने वाली मीडिया द्वारा,एवं हमारे नेता @RahulGandhi जी द्वारा,मुझे अपार स्नेह तथा सहयोग मिला है। इन कठिन परिस्थितियों में यह आसान नहीं था! इसके लिए ह्रदय से आभार !

पीएम बनते-बनते रह गये थे प्रणब दा ! बना लिए थे अलग दल ! बाद में राष्ट्रपति बने ! बड़ी रोचक है कहानी !

दिल्ली से पहली बार 2014 और 19 में कांग्रेस की लोकसभा में जीरो सीट हो गई. अजय माकन के बाद जितने लोग आये उनसे भी दिल्ली कांग्रेस संभल नहीं पाई. दिल्ली में लगातार कांग्रेस को हार मिलती रही और अजय माकन को 2015 के बाद से लगातार हार मिली. मगर अब इनके हाथ में राजस्थान प्रदेश की जिम्मेदारी है.

राजस्थान के सभी जिलों में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज


Leave a Reply