सम्पादक संतोष कुमार पाण्डेय की स्पेशल रिपोर्ट !
अजीत जोगी (AJEET JOGI) का नाम आते ही लोग तुरंत कहते हैं कि वहीं जो आईएएस थे. दिग्गज नेता. छत्तीसगढ़ की राजनीति में अजीत जोगी की खूब चलती है. बेटा, बहु, पत्नी सभी चुनाव लड़ते है. इनका एक दल भी है. लेकिन क्या अब अजीत जोगी अलग थलग है. 2018 के विधान सभा चुनाव में इन्होने बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. हालांकि, इनको कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ. लेकिन अब अजीत जोगी की तबीयत नासाज है. लोग जानना चाहते हैं कि आखिर अजीत जोगी हैं कौन ? आइये आपको उनके आईएएस (IAS) से मुख्यमंत्री तक के सफर तक ले चलता हूँ.
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शिक्षक, आईपीएस और फिर आईएएस
अजीत जोगी भोपाल के मौलाना आजाद कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडलिस्ट हैं. यहाँ के बाद से इनका सफर शिक्षक के रूप में शुरू हुआ. रायपुर में अजीत जोगी ने थोड़े समय के लिए राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान में लेक्चर भी रहे. उसके बाद इनका मन सिविल सेवा की तरफ गया. इन्होने आईपीएस निकाल ली. मगर दो साल बाद ही इनका चयन आईएएस के रूप में हो गया. चर्चित आईएएस रहे हैं. इंदौर जैसे बड़े शहर के जिलाधिकारी रहे. साल 1981 से 85 तक जीत जोगी इंदौर के डीएम रहे. और यही से राजनीति में जाने का इनका रास्ता खुला. कांग्रेस ज्वाइन करने का ऑफर आया. और ये कांग्रेसी हो गये. और कुछ महीने बाद ही अजीत जोगी राज्यसभा सदस्य बन गये. यही से इनकी राजनीतिक पारी की शुरुआत हुई.

अजीत के लिए 1986 बेहतर साल
वर्ष 1986 की बात है कि अजीत जोगी कांग्रेस में जा चुके थे. इन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति और जन जनजाति का सदस्य बनाया गया. 1986 में ही इन्हें राज्यसभा भेज दिया गया. लगातार 1998 तक ये राज्यसभा सदस्य रहे. 1987-1989 मध्यप्रदेश कांग्रेस कमिटी के महासचिव बनाये गये. 1989 मणिपुर लोकसभा लोकसभा

सीट के पर्यवेक्षक बनाये गये. 1995 में सिक्किम विधान सभा चुनाव के केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाये गये. लगातार इनका कद कांग्रेस में बढ़ता जा रहा था. कांग्रेस में इनकी पकड़ बनती गई. इसी बीच मध्यप्रदेश का बंटवारा हो गया.
2000-2003 तक सीएम रहे
2000-2003 तक छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने. यही इनके राजनीति के उफान का अंतिम समय था. यही से इनमें गिरावट आई. फिर ये 2004 में महासमुंद से लोकसभा का चुनाव लड़े और जीत गये. फिर 2014 में यहाँ से चुनाव हार गए. मरवाही से 2008 में विधान सभा का चुनाव जीत गये.
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जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ बनाया
अजित जोगी ने छत्तीसगढ़ में एक नई पार्टी को जन्म दिया. अजीत जोगी ने कवर्था जिले की थाथपुर गांव से इस पार्टी को एलान किया. अपने विधानसभा क्षेत्र मरवाही के कोटमी में हजारों लोगों के बीच पत्नी और बेटे के साथ मौजूद अजित जोगी ने कहा कि वो कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बना रहे हैं. 23 जून 2016 को अजित जोगी ने अपनी नई पार्टी बना ली और इसका नाम रखा छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस.