14 अप्रैल का दिन बहुत ख़ास होता है. भारत में इसका बड़ा महत्व है. लेकिन इस बार 2020 में इसका और भी महत्व हो गया है. बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की जयंती भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाती है. खासकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) इस दिन को ज्यादा ही सेलेब्रेट करती है. मगर जब पूरी दुनिया लॉकडाउन में है तो कैसे जन्मदिन को उत्सव् के रूप में मनाया जाय यह भी बड़ा सवाल है. आइये जानते हैं बसपा प्रमुख मायावती ने बाबा साहेब की जयंती पर क्या बात कही है.
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बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं मायावती
मानवतावादी सोच/कर्म व आजीवन कड़ा संघर्ष/त्याग की प्रतिमूर्ति व देश को अनुपम समतामूलक संविधान देनेे वाले परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर उनके अनुयाइयों व ख़ासकर बी.एस.पी. के लोगों के लिए हर मायने में प्रेरक, कर्म व धर्म भी हैं। किन्तु वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते इन सभी से अपील है कि वे सरकारी पाबन्दियों का सख़्ती से अनुपालन करते हुए, अपने रगों में बसने वाले बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की जयन्ती को अपने-अपने घरों में ही मनायें व उन्हें अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित करें, तो यही बेहत्तर होगा। साथ ही, इनके अनुयाइयों की इस महामारी के दौरान् भी हो रही दयनीय स्थिति व उत्पीड़न के बारे में भी तथा इससे मुक्ति पाने के लिए भी इन्हें जरूर गम्भीरता से चिन्तन करना चाहिये। इस मौके पर मेरी इनको यह भी ख़ास सलाहा है। (जैसा मायावती ने अपने ट्वीटर पर लिखा है…)
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कौन हैं भीमराव अम्बेडकर
बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर (Ambedkar) का जन्म मध्यप्रदेश के महुँ में 14 April 1891 को हुआ था. इनका निधन 6 December 1956 को हुआ. भारत के सविधान निर्माता और भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना कराने में इनकी बड़ी भूमिका थी. उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त कीं तथा विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में शोध कार्य भी किये थे। व्यावसायिक जीवन के आरम्भिक भाग में ये अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवं वकालत भी की तथा बाद का जीवन राजनीतिक गतिविधियों में अधिक बीता। 1990 में अम्बेडकर को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न (bharat ratn) से सम्मानित किया गया था।
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