- विधान सभा, विधान परिषद और लोकसभा में हैं अपना दल (एस) के नेता
- केंद्र और यूपी दोनों में अपना दल के हैं मंत्री, यूपी में बसपा के पास केवल एक विधायक
पोल टॉक नेटवर्क | लखनऊ
उत्तर प्रदेश में मायावती (mayawati) का कद अब उत्तर प्रदेश की राजनीति में धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। सूबे की सीएम की कुर्सी पर चार बार विराजने वाली मायावती (mayawati) की पार्टी की यूपी सदन में उपस्थिति मात्र एक सदस्य की बची है। 2012 के चुनाव के बाद से लगातार मायावती का ग्राफ गिरता जा रहा है। वर्तमान परिस्थियों में देखा जाये तो मायावती से मजबूत स्थिति में अपना दल (सोनेलाल) की नेता अनुप्रिया पटेल नजर आती हैं।
बात यदि 2022 के विधानसभा चुनाव के आधार पर की जाए तो मायावती (mayawati) की पार्टी बहुजन समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में चुनाव लड़ा था। तीनों राज्यों में उत्तर प्रदेश में मायावती (mayawati) की स्थिति सबसे मजबूत मानी जाती है। मानी भी क्यों न जाए बसपा सुप्रीमो उत्तर प्रदेश की 4 बार मुख्यमंत्री जो रह चुकी हैं। लेकिन अब मायावती की सियासी जमीन खिसकने लगी है। उत्तर प्रदेश की 403 सीटों पर चुनाव लड़ी पार्टी मात्र एक सीट जीतने में कामयाब हो पायी। जबकि 5 साल पहले यानी 2017 के चुनाव में पार्टी 19 सीट पर सिमट गयी थी। बता दें, 2017 से 10 साल पहले मायवती की पार्टी 403 विधानसभा सीटों में से 206 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत में आयी थी और मायावती मुख्यमंत्री बनीं थीं। 10 साल के अंतराल पर पार्टी की सियासी जमीन इतनी खिसकी कि पार्टी मात्र 19 सीटों पर सिमट कर रह गयी। वहीँ 2022 में केवल एक सीट पर ही बसपा जीत सकी है।
मायावती का गिरता ग्राफ, अनुप्रिया की बढ़ती रफ़्तार
2022 के चुनाव नतीजों के आधार पर ही यदि बात कि जाए तो 2009 से अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाली अनुप्रिया पटेल का कद वर्तमान में उत्तर प्रदेश की राजनीति में बसपा सुप्रीमों मायावती से ज्यादा बड़ा दिखाई देता है। 2017 के चुनाव नतीजों में जहां 403 सीटों पर लड़ी बसपा मात्र 19 सीटों पर सिमटी थी तो वहीं पारिवारिक विवाद के बीच बीजेपी के साथ गठबंधन कर अनुप्रिया पटेल की पार्टी 11 सीटों पर चुनाव लड़ी और 9 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। जबकि 2022 के चुनाव में जहाँ बसपा 403 में महज 1 सीट पर सिमट गयी वही अपना दल (एस) 17 सीटों पर चुनाव लड़ी जिसमें से 12 सीटों पर जीत हासिल की। इस चुनाव नतीजे से मायवती की गिरती लोकप्रियता का अंदाजा लगाया का सकता है जबकि इसके उलट मोदी कैबिनेट में राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल का प्रदर्शन अच्छा होता जा रहा है।
मायावती यूपी में बनीं चार बार सीएम
बसपा सुप्रीमो मायावती उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य की सीएम की कुर्सी पर 4 बार विराजमान हो चुकीं हैं। मायावती (mayawati) पहली बार जून साल 1995 में मुलायम सिंह की पार्टी समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ कर बीजेपी और अन्य दलों के समर्थन से पहली बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी। हालांकि तब मायावती का कार्यकाल केवल 4 महीने का ही रहा था। मायावती दूसरी बार साल 1997 में मुख्यमंत्री बनी इस बार उनका कार्यकाल 6 महीने का था। तीसरी बार मायावती भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ीं और मुख्यमंत्री बनी। तीसरी बार मायावती का कार्यकाल 1 साल 118 दिन का रहा। साल 2007 के चुनाव में मायवती की पार्टी बसपा 206 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत में आयी. इस बार उनका कार्यकाल साल 2007 से लेकर साल 2012 तक पूर्ण 5 साल का रहा।