अखिलेश यादव और ओवैसी के खिलाफ FIR के लिए कोर्ट में अर्जी ? क्यों हुआ ऐसा

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Application seeks FIR against Akhilesh, Owaisi and other

  • अखिलेश यादव पर लगया गया हिन्दू धर्म की भावनाएं आहात करने का आरोप 
  • वाराणसी की जिला अदालत में आज ज्ञानवापी मस्जिद मामले की होगी सुनवाई 

पोलटॉक नेटवर्क | लखनऊ/ आदित्य कुमार 

ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग के दावे पर हो रही बयानबाजी के बीच वाराणसी की अदालत में एक अर्जी दाखिल कर समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी समेत सात नामजद और दो हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर विवेचना करने का अनुरोध किया गया है। ज्ञानवापी मुद्दे पर इनके बयानों से धार्मिक भावनाएं आहत होने का आरोप लगाते हुए अदालत से मांग की गई है कि पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया जाए।

अडिशनल चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट की अदालत में यह अर्जी एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने दाखिल की है। इस अर्जी में अखिलेश और ओवैसी भाइयों के साथ ही अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमिटी के जॉइंट सेक्रेटरी एसएम यासीन, मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, मौलाना अब्दुल वागी और युसूफ खान के खिलाफ भी शिकायत की गई है।

अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम उज्जवल उपाध्याय की कोर्ट में आवेदन देकर कहा है कि जहां शिवलिंग मिला है, वहां हाथ-पैर धोना और गन्दा पानी देखकर काशीवासियों समेत पूरे देश का ह्रदय पीड़ा से भर गया है. इसके अलावा अखिलेश यादव का शिवलिंग को लेकर दिया गया बयान भी हिन्दू भावनाओं को आहत करता है। इस मामले पर कोर्ट में आज सुनवाई की जाएगी।

अखिलेश ने दिया था यह बयान

बता दें हाल में ही समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अयोध्या में ज्ञानवापी मस्जिद के सन्दर्भ में बात करते हुए बयान दिया था। अखिलेश यादव ने कहा था कि  ”हमारे हिंदू धर्म में एक पीपल के पेड़ के नीचे एक पत्थर रख दो, झंडा रख दो, मंदिर बन जाता है।” वहीं AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद कहा था कि वह पत्थर का फव्वारा है।


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