- राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार में अभी बगावत के सुर हो सकते हैं बुलंद
- मध्य प्रदेश में हो रहे उपचुनाव के परिणाम के बाद यहाँ बदल सकता है समीकरण
संतोष कुमार पाण्डेय | सम्पादक
राजस्थान में भले ही सचिन पायलट (sachin pilot) और अशोक गहलोत (ashok gehlot ) में राजनीतिक शांति की बात हो रही हो लेकिन अभी बगावत के सुर बुलंद हो सकते है. अभी भी अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बारे में यह चर्चा खूब हो रही है कि ये कितने दूर और कितने पास हैं. पिछले दिनों जबसे सचिन का गुट दिल्ली से लौटा है तभी से शांत है. उन्हें अभी इन्तजार है गठित कमेटी के परिणाम का. मगर वहीं सूत्र बता रहे हैं कि यह गुट अभी भी शांत नहीं बैठेगा.
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मध्य प्रदेश में कुल 27 सीटों पर उपचुनाव होने वाला है. और ये सीटें बगावत के बाद खाली हुई है. उनपर चुनाव होना है. उसके बाद ही राजस्थान में माहौल बनेगा. पिछले दिनों अजय माकन के सामने कुछ विधायकों और कांग्रेस के नेताओं ने अपनी बात रखी. लेकिन कई नेताओं का विरोध है कि उस दौरान अजय माकन के पास नवनियुक्ति अध्यक्ष गोविन्द सिंह डॉटासरा बैठे हुए थे.जिससे अपनी बात बता रहे नेताओं को दिक्कत महसूस हुई.
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सचिन पायलट अपने पुराने अंदाज में दिख तो रहे है लेकिन उनके पास सरकार में कुछ नहीं है. अशोक गहलोत की सरकार से भी असंतोष की खबर आ रही है. अगर मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में स्थिति बदल सकती है. वहीँ सचिन गुट भी सरकार में आने के लिए तैयार है और उन्हें प्रभावशील विभाग की उम्मीद है.
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अजय माकन को अभी समय लगेगा यहाँ की चीजों को समझने में और तबतक अशोक गहलोत डैमेज कण्ट्रोल करने में सफल हो सकते है. वहीँ उन्हें अभी भी सचिन गुट के दबाव का अंदेशा होगा.