- सचिन पायलट के रहते गहलोत समर्थक संगठन में शांत रहे
- राजस्थान की सभी जिला कांग्रेस समितिया और ब्लॉक समितिया भंग
संतोष कुमार पाण्डेय | सम्पादक
राजस्थान में कांग्रेस सरकार की कमान अशोक गहलोत के पास और संगठन की कमान सचिन पायलट के हाथ में थी. ऐसा सरकार गठन के बाद से चला आ रहा था. लेकिन इसी बीच सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट से खलबली मच गई. और पायलट और गहलोत आमने सामने हो गये. सरकार में खलबली मची मगर अब सब कुछ ठीक होने की और इशारा है. लेकिन इसी बीच बड़ी खबर यह है कि सरकार के साथ ही साथ गहलोत संगठन पर भी नजर टिका दिए हैं. क्योंकि सचिन के हटने के बाद तुरंत राजस्थान प्रदेश की सभी जिला कांग्रेस समितियों और ब्लॉक कांग्रेस समितियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया. अब यही से नई कहानी शुरू हो गई है. आइये जानते हैं अब क्या हो सकता है. सूत्र बता रहे हैं कि अभी चीजें बदलेंगी.
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रदेश कार्यकारिणी, समस्त विभागों, प्रकोष्ठ को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही नए प्रदेश कार्यकारिणी, विभागों एवं प्रकोष्ठों का गठन किया जाएगा।
— Avinash Pande (@avinashpandeinc) July 14, 2020
राजस्थान प्रदेश की सभी जिला कांग्रेस समितियों और ब्लॉक कांग्रेस समितियों को तत्काल प्रभाव से भंग करने का फैसला किया है. नई समितियों के गठन की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी. सूत्र बता रहे हैं कि सचिन पायलट ने कांग्रेस के अंदर अपने व्यक्तिगत लोगों की एंट्री ज्यादा करवाई या यूं कहें कांग्रेस संगठन के अंदर कार्यकर्ताओं की बजाए अपने निजी लोगों को एंट्री करवा दी. इस तरह की बातें खूब हो रही है.
सूत्र बता रहे है कि बागी 19 विधायकों की आने वाले समय में सदस्यता रद्द हो सकती है. उनकी जगह उप चुनाव के लिए योग्य उम्मीदवारों का पैनल तैयार करेगी उक्त पैनल में प्रति विधानसभा पांच-पांच लोगों के नाम होंगे. जिनमें से किसी एक को पार्टी विधानसभा चुनाव में विधानसभा उपचुनाव में अपना प्रत्याशी घोषित करेगी. भले ही गोविंद सिंह डोटासरा प्रदेश अध्यक्ष हैं लेकिन उनकी भावभंगिमा गहलोत के प्रति ज्यादा झुकी हुई दिख रही है.