
उत्तरप्रदेश के बहराइच जिले के 30 मुस्लिम लोग जयपुर में सीतापुरा की एक गारमेंट की फैक्ट्री में काम करते थे. 24 मार्च को लॉकडाउन के दौरान इन्हें बेरोजगार होना पड़ा. इन्हें जयपुर शासन की तरफ से खाना तो मिल रहा है मगर रहने की जगह नहीं है. आखिर ये रहने कहां जाए. इन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ये सभी अब बहुत परेशान हैं. इनकी मदद की जाय. मानवता के नाम पर इन्हें कही पर रोका जाय इसी बात को लेकर मैंने खूब प्रयास किया मगर जो जवाब आया है उसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे.

इन ३० लोगों को मैंने मदद दिलाने की बात कह दी है. लग गया हूँ देखता हूँ कितना सफल होउंगा यह पता नहीं. सबसे पहले मैंने यूपी के बहराइच के विधायको को फ़ोन किया. जिसमें पहला फोन वहां के मटेरा के सपा विधायक यासर शाह को किया. कई बार फ़ोन करने के बाद उनका फ़ोन उठा नहीं. लगा ही नहीं. फिर वही की विधायक और पूर्व मंत्री को फोन मिलाया. कोई नगर भाजपा के अध्यक्ष मिले. उन्होंने अच्छे से बात तो किया. लेकिन जब उन्हें इन 30 भाइयों की परेशानी मैंने बताई तो वो सुने जरुर लेकिन समाधान की बात नहीं हो पाई.
फिर मैंने कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी को फोन किया. बात तो हो गई लेकिन कोई काम की बात नहीं हुई. बोले मुझे जानकारी भेजिए. कोई सकारात्मक बात नहीं बनी. कुछ देर बात बहराइच डीएम से बात किया. शम्भु कुमार ने मुझसे ही सवाल कर दिया की आप उनकी मदद करिये. पत्रकार हैं तो. मगर देखेगे की बात पर बात ख़त्म हुई.
कुछ देर बाद बहराइच के भाजपा सांसद अक्षयवर लाल गोंड से बात हुई. उन्होने बोला की अगर वो लोग बहराइच में आ जाएंगे तो हम मदद कर पायेगे. मैंने कहा कि ये 30 लोग बहराइच के ही है. उन्होंने फ़ोन काट दिया. फिर मैंने योगी आदित्यनाथ को ट्वीट किया. फिर वहां से कोई जवाब नहीं आया. अब इनकी कौन मदद करें. इनकी मदद करिए. राजस्थान सरकार इन्हें खाने को दे रही है मगर रहेंगे कहा. कृपया इनकी मदद करिये.