मुझे खुशी हो रही है बताते हुये कि बहराइच के उन 30 मुसलमान भाइयों की रहने और खाने के साथ दवा की भी पूरी व्यवस्था हो गई है। मैं इसके लिए पंकज चतुर्वेदी और अनुपमा तिवारी को बहुत-बहुत धन्यवाद दूंगा। जिनके माध्यम से यह सब हो पाया है। बहराइच के सांसद, विधायक और डीएम ने मना कर दिया था। कल रात 8 बजे से उन 30 मुसलमान भाइयों के लिये लगा रहा जिन्हें मैं जानता तक नहीं। मैं नहीं चाहता था कि वो मजदूर बेचारे पैदल जाय।
यह था पूरा ममला !
बहराइच के 30 मुस्लिम भाई की मदद कौन करें ?
जयपुर में सीतापुरा इंस्ट्रीयल एरिया में यूपी के बहराइच से 30 मजदूर काम करते हैं। अब कंपनी (कपड़े की फैक्ट्री) बंद हो गई। उन्हें खाना तो मिल जॉयेगा मगर रहने की जगह नहीं है। लेकिन जब मैंने, बहराइच के विधायक, मंत्री, सांसद और डीएम ने कोई भी मदद करने से मना कर दिया। तो क्या ये बेचारे पैदल जाए यहां से ? अपने लोगों को ले जाने से मना कर दिया। बात सभी से हुई लेकिन रेस्पॉन्स कहीं से नहीं मिला।
रातभर लगने के बाद मिली सफलता !
मजदूरों को मरने के लिए छोड़ा जा सकता है क्या ? कृपया इनकी मदद की जाय ? मैं कल रात से लगा हूँ नींद भी नहीं मुझे। अब क्या किया जाए ! खुद सड़क पर उतरूंगा ! जितना संभव होगा मद्द करूँगा। होटल या गेस्ट हाउस में इनके लिए व्यव्यस्था करना होगा। मगर संख्या 30 है। यही थोड़ी परेशानी हैं ।