- देश में कानूनी-शिक्षकों और वकीलों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देने वाला देश का यह पहला संस्थान होगा
पोल टॉक नेटवर्क | दिल्ली
कानूनी शिक्षकों और वकीलों को प्रशिक्षण देने के लिए देश में ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ’ यानि ‘विधि शिक्षक अकादमी’ की स्थापना की जाएगी। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) और कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलाजी (केआइआइटी) के बीच हुए एमओयू के तहत कानून की पढ़ाई का यह उच्च संस्थान ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में बनाया जाएगा। देश में कानूनी-शिक्षकों और वकीलों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देने वाला देश का यह पहला संस्थान होगा।
विधि शिक्षकों और अधिवक्ताओं के कौशल विकास की जरूरतों को पूरा करने के लिए विधि के क्षेत्र में आज तक ऐसा कोई प्रशिक्षण संस्था न नहीं था। इससे पहले सिर्फ बीसीआई ट्रस्ट द्वारा 1986 में बंगलूरू में नेशनल लॉ स्कूोल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी नाम की स्थापना की गई थी। देश की राजधानी दिल्ली में एक प्रेस वार्ता के दौरान बीसीआई के चेयरमैन मनन कुमार मिश्र और कलिंगा इंस्टीट्यूट के संस्थापक डॉ. अच्युत सामंत ने यह जानकारी दी।
कीट के संस्थापक डॉ. सामंत के अनुसार इस नेक प्रयास को लेकर बीसीआई बीते दो-तीन साल से विचार कर रहा था | जिसे अंतत: उन्होंने हमारे किट संस्थान के साथ मिलकर आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह पहला मौका है जब बीसीआई जैसी कोई संस्थान निजी संस्थान के साथ मिलकर इतनी बड़ी पहल करने जा रही है। निश्चित रूप से यह जुड़ाव भविष्य में देश के अन्यी निजी संस्थानों के लिए उदाहरण बनेगा, जो अन्य संस्थानों के साथ मिलकर देश की बेहतरी की दिशा में अहम भूमिका निभाने का कार्य करेंगी।
इस अवसर पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्र ने कहा कि आईआईएल के माध्यम से युवा वकील और युवा विधि शिक्षकों के कौशल के विकास के लिए मौका देंगे और उन्हें आगे बढ़ाएंगे। इस संस्थान के बुनियादी ढांचे की लागत का 40 प्रतिशत खर्च कलिंगा इंस्टीट्यूट वहन करेगा। सिर्फ इतना ही नहीं इस संस्था न के निर्माण के लिए भी कीट संस्थान अपनी तरफ से भुवनेश्वर के पटिया में बहुमूल्य एवं उपयोगी भूमि प्रदान की है।
आइआइएल विधि शिक्षा के तहत प्रोफेशनल स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम, रिफ्रेशर कोर्स और लर्निंग कोर्स फॉर डिस्यू व ट रेजोल्यूसशन से संबंधित नियमों एंव तरीकों के लिए विभिन्न् कार्यक्रम का प्रबंधन एवं संचालन करेगा। यह न्याायिक और सामाजिक विकास के सभी पहलुओं में अनुसंधान करेगा और इसे प्रकाशित और प्रदर्शित भी करेगा।
आइआइएल के पहले चरण में पांच इकाइयां स्थापित की जाएंगी, वहीं इस संस्थारन के प्रबंधन के लिए तीन निकायों का गठन भी किया जाएगा। बीसीआई संस्थान के प्रारंभिक तीन सालों तक सभी कार्यों का संचालन करेगी। इसके बाद देश के अन्य विधि विश्वविद्यालयों एवं अन्यर पर्याप्त इंफ्रास्ट्रचर रखने वाले संस्थानों को भी आइआइएल की तर्ज पर पाठ्यक्रम प्रदान करने की अनुमति देगा। इस तरह विधि के उच्चस्तसरीय प्रशिक्षण की सुविधा देश भर के कोने-कोने तक उपलब्ध कराई जाएगी।
क्या है बार काउंसिल ऑफ इंडिया
बार काउंसिल ऑफ इंडिया देश में विधि शिक्षा और विधि व्यवसाय को नियमित करने और विधि-शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने के कार्यों का निर्वहन करने के लिए अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के तहत संसद द्वारा बनाई गई एक संवैधानिक संस्थार है।
कौन हैं अच्युत सामंत
जाने-माने समाजसेवी और कंधमाल से सांसद अच्युत सामंत ने ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में विश्वै स्तर के दो-दो विश्वविद्यालय, मेडिकल, इंजीनियरिंग, प्रबंधन, नर्सिंग, लॉ, कला और कई अन्य बड़े संस्थान के संस्थाोपक हैं। डॉ. सामंत के द्वारा शुरु किए गये कई संस्थान में लगभग 35,000 गरीब आदिवासी छात्र केजी से लेकर पीजी तक नि:शुल्का शिक्षा प्राप्त करते हैं। जहां पर उन्होंने रहने के लिए आवास, खाना, कपड़ा आदि सभी सुविधाएं मुफ्त में दी जाती हैं।
आईआईएल कानूनी शिक्षा और कानूनी पेशे के इतिहास में एक ऐतिहासिक कदम होगा जो कानून और न्याय संबंधी शिक्षा के क्षेत्र में बहुत मददगार साबित होगा। इसके के माध्यनम से हम युवा वकील और युवा विधि शिक्षकों के कौशल के विकास के लिए मौका देंगे और उन्हें आगे बढ़ाएंगे। मनन कुमार मिश्र, चेयरमैन, बार काउंसिल ऑफ इंडिया
आईआईएल के बारे में बीसीआई बीते दो-तीन साल से विचार कर रहा था, जिसे अंतत: उन्होंने हमारे किट संस्थान के साथ मिलकर आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। निश्चित रूप से यह जुड़ाव भविष्य में देश के अन्य निजी संस्थानों के लिए उदाहरण बनेगा ! जो अन्य संस्थानों के साथ मिलकर देश की बेहतरी की दिशा में अहम भूमिका निभाने का कार्य करेंगी।
अच्युत सामंत, संस्थापक, भुवनेश्वर