- मनोज तिवारी, रवि किशन और निरहुआ भाजपा से बने सांसद
- दिल्ली, गोरखपुर और आजमगढ़ से हैं तीनों सांसद
संतोष कुमार पांडेय | लखनऊ
राजनीति (politics) की राह आसान से ज्यादा कठिन होती है। किसी-किसी के लिए बहुत आसान भी रही है. चाहे वो एक्टर रहे हो या कोई और। लेकिन भोजपुरी स्टार एक्टर के लिए एक ही राह रही। पहला चुनाव हारना और दूसरा जीतना। मनोज तिवारी (Manoj Tiwari ) , रवि किशन (ravi kishan) और अब दिनेश लाल यादव निरहुआ (dinesh lal yadav nirhua) । तीनों अपने पहले चुनाव में हार गए और दूसरे चुनाव को जीत लिए। मनोज तिवारी और रवि किशन के बाद अब दिनेश लाल यादव भाजपा से सांसद हैं.
मनोज और रविकिशन पहला चुनाव भाजपा से नहीं लड़ा था. जबकि निरहुआ ने अपना दोनों चुनाव एक ही दल भाजपा से लड़ा और एक ही सीट पर चुनाव लड़ा. मनोज और रवि किशन की जीत बड़े वोटो के अंतर् से हुई थी लेकिन निरहुआ की जीत कम वोटो के अंतर् से हुई है. पढ़िए ये खास रिपोर्ट |
मनोज तिवारी को गोरखपुर लोक सभा चुनाव 2009 में समाजवादी पार्टी ने मैदान में उतार दिया था. इस चुनाव में समाजवादी पार्टी की तरफ से 83,059 वोट मनोज को मिले थे. तीसरे नम्बर पर मनोज तिवारी रहे. इस चुनाव में भाजपा के योगी आदित्यनाथ (cm yogi aditynath) को जीत मिली थी.
दूसरे नम्बर पर बसपा (bsp) रही. वहीँ इस हार के बाद मनोज तिवारी ने भाजपा ज्वाइन कर लिया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में मनोज तिवारी उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए. और 2019 में भी इसी सीट से मनोज तिवारी को जीत मिली। 2017 में मनोज तिवारी (manoj tiwari ) को दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था.
रवि किशन (Ravindra Shukla (Ravi Kishan ) ने अपना पहला चुनाव जौनपुर से लड़ा था. रवि किशन को मात्र 42,759 वोट मिले थे. छठे स्थान पर थे. लेकिन 2014 में हार के बाद 2019 में रवि किशन को भाजपा ने गोरखपुर से मैदान में उतार दिया और 3,01,664 मतों से रवि किशन की जीत हुई.
वही अब दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ की बात कर लेते हैं. दिनेश लाल यादव उर्फ़ निरहुआ को 2019 में आजमगढ़ से भाजपा ने मैदान में उतार दिया था. लेकिन दिनेश लाल यादव को हार मिली थी. निरहुआ दूसरे नम्बर पर थे उन्हें 3,61,704 वोट मिले। लेकिन 2022 में उपचुनाव में दिनेश लाल यादव को 312,768 वोट मिले और जीत हुई है. 8,679 मत से निरहुआ को जीत मिली है।