क्या ये भोजपुरी स्टार बिहार चुनाव में लगा पाएंगे जीत का ‘तड़का’

बिहार में विधान सभा 2020 (BIHAR ELECTION 2020) का चुनाव है. ऐसे में तैयारी खूब चल रही है. मगर नेताओं के साथ ही साथ अभिनेताओं पर भी लोगों की नजरें टिकीं हुई हैं. बिहार में जदयू, राजद और भाजपा कुछ अभिनेताओं पर दांव लगा सकती है. वहीँ चर्चा है कि भाजपा पवन सिंह को मैदान में उतार सकती है. क्योंकि पवन सिंह ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं.

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PAWAN SINGH AND KHESARI
PAWAN SINGH AND KHESARI

  • पवन सिंह ने भाजपा किया है ज्वाइन, खेसारी लाल यादव और रितेश पर है नजर
  • पिछले चुनाव से ही सभी दल इन्हें अपनी तरफ लाने का कर रहे हैं प्रयास

संतोष कुमार पाण्डेय | सम्पादक

बिहार में विधान सभा 2020 (BIHAR ELECTION 2020) का चुनाव है. ऐसे में तैयारी खूब चल रही है. मगर नेताओं के साथ ही साथ अभिनेताओं पर भी लोगों की नजरें टिकीं हुई हैं. बिहार में जदयू, राजद और भाजपा कुछ अभिनेताओं पर दांव लगा सकती है. वहीँ चर्चा है कि भाजपा पवन सिंह को मैदान में उतार सकती है. क्योंकि पवन सिंह ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं. पवन सिंह (Pawan Singh) आरा जिले के हैं. और आरा में भाजपा की स्थिति मजबूत है. आरा से अगर पवन सिंह चुनाव लड़ेगे तो वहीं से आने वाले दिनों में यूपी भी कवर हो सकेगा. पवन बिहार में ही नहीं बल्कि यूपी में भी अपनी धमक रखते है. क्योंकि उनकी ससुराल बलिया में है. पवन सिंह को इस बार भाजपा स्टार प्रचारक के रूप में उतार सकती है.

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खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) पर भी राजद की नजर है. वहीँ पप्पू यादव ने खेसारी लाल यादव से कुछ दिन पहले मुलाकात की थी. लेकिन अंदर खाने बात यही है कि राजद खेसारी के टच में है. खेसारी लाल यादव बिहार के सिवान से आते हैं. बिहार में खेसारी लाल यादव का जलवा है. समय समय पर चर्चा में रहते हैं. इनके द्वारा युवा वोटर्स पर राजद अपनी पकड बनाना चाहती है. सिवान में राजद कमजोर हुई है. शहाबुद्दीन के जेल में जाने से राजद कमजोर हुई मगर खेसारी की वजह से राजद लौटना चाहती है.

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रितेश पाण्डेय (Ritesh Pandey) भी युवाओं के बीच में खूब पापुलर हैं. रितेश पर भी कई दलों की नजरें है. रितेश पाण्डेय बिहार के सासाराम से आते हैं. सासाराम कांग्रेस का गढ़ रहा है. मीरा कुमार, बाबू जगजीवन राम की कर्मभूमि रही है. मगर अब यहाँ भाजपा और जदयू मजबूत स्थिति में हैं. कांग्रेस की नजर रितेश पर ज्यादा होगी. कांग्रेस वापस आना चाह रही होगी. ऐसे में जदयू और भाजपा भी रितेश को अपने पाले में करके अपनी स्थिति मजबूत करना चाहेगी. वहीँ मनोज तिवारी पर सबकुछ आकर टिक जाता है. अगर वो चाह लेंगे तो इन सभी को भाजपा में ला सकते हैं.

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