- बीजेपी सांसद का दावा राज ठाकरे को अयोध्या में घुसने नहीं देंगे
- 5 जून को अयोध्या आ रहें है राज ठाकरे
पोलटॉक नेटवर्क | लखनऊ /आदित्य कुमार
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के चीफ राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या ( proposed visit to Ayodhya) आने का जिस दिन से ऐलान किया है उसके बाद से भारतीय जनता पार्टी के सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह (Braj Bhushan Sharan Singh) राज ठाकरे के अयोध्या आने का विरोध कर रहें हैं। ब्रजभूषण शरण सिंह ने एक बार फिर से रविवार को कहा कि राज ठाकरे को अयोध्या क्या, उत्तर प्रदेश की सरजमीं पर नहीं घुसने दिया जाएगा, यह मेरा वादा है। बता दें राज ठाकरे ने 5 जून को अयोध्या आने का ऐलान किया है।
भारतीय जनता पार्टी के कैसरगंज से सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह बीते कुछ हफ़्तों से लगतार राज ठाकरे के अयोध्या आने का विरोध कर रहें हैं। इसी विरोध को लेकर उन्होंने रविवार को पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि राज ठाकरे को अयोध्या क्या, उत्तर प्रदेश की सरजमीं पर नहीं घुसने दिया जाएगा, यह मेरा वादा है। यह मेरा नहीं बल्कि संपूर्ण उत्तर भारतीयों का आंदोलन है। पहला ऐसा आंदोलन जो न सत्ता पाने के लिए और न ही सत्ता उखाड़ने के लिए हो रहा है। इस आंदोलन में महाराष्ट्र के 90 प्रतिशत लोग हमारे साथ हैं। केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, बिहार, दिल्ली, झारखंड समेत कई प्रदेशों से मुझे अपार जनसमर्थन मिल रहा है।
बिना माफी मांगे अयोध्या आना भूल जाएं राज ठाकरे
बीजेपी सांसद ने कहा कि उन्होंने गुरुनानक गोविंदधाम पर जाकर मत्था टेका और गुरुद्वारे के जत्थेदार बाबा महेन्द्र सिंह महाराज से आशीर्वाद लिया। बाबा ने भी राज ठाकरे के विरोध में पूर्ण समर्थन देने का वादा किया है। ब्रजभूषण शरण सिंह ने कहा कि मैं लगातार कई प्रदेशों का दौरा भी कर रहा हूं। हिन्दुस्तान के कई ऐसे प्रांत हैं जहां राज ठाकरे पैर तक नहीं रख सकते हैं। वह बिना माफी मांगे अयोध्या आना भूल जाएं। अयोध्या पांच जून को पूरी तरह पैक हो चुकी है। उस दिन यहां सात लाख लोग जमा रहेंगे।
योगी सीएम बाद में पहले संत
पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए सांसद ने कहा कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बाद में हैं लेकिन उससे पहले वे संत हैं। मेरा संबंध उनके गुरू अवैद्यनाथ से था जिनसे बराबर मुलाकात होती रहती थी। बीजेपी सांसद ने कहा कि राज ठाकरे और उनके कार्यकर्ताओं द्वारा पूर्व में उत्तर भारतीयों के साथ महाराष्ट्र में बहुत ही दुर्व्यवहार किया गया। इससे लगभग अस्सी हजार उत्तर भारतीय प्रभावित हुए जिनमें महाराष्ट्र में खूब मारा-पीटा गया। उन्होंने कहा कि मनसे प्रमुख अगर संत धर्माचार्यों से भी माफी मांग लें तो उनको माफ कर दिया जाएगा।