शिक्षा में है बड़ी ताकत, यहीं से खुलते हैं सफलता के द्वार : सीए मुकेश

दिल्ली में भोपाल के लेखक और सीए मुकेश राजपूत (mukesh rajput ca) को ठाकुर रघुराज सिंह (श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री) द्वारा सम्मानित किया गया !

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mukesh rajput
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  • सीए बनने के लिए 6 बार असफल हुए राजपूत ने नहीं छोड़ी हिम्मत
  • दिल्ली में सम्मानित होने पर उन्होंने बताई अपनी बीती हुई कहानी 

पोल टॉक नेटवर्क | नई दिल्ली 

दिल्ली में भोपाल के लेखक और सीए मुकेश राजपूत (mukesh rajput ca) को ठाकुर रघुराज सिंह (श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री) द्वारा सम्मानित किया गया ! सीए मुकेश कहते है जब मैं असफलता के दौर में था तो मुझे चारो तरफ से असफलता के समाचार ही मिल रहे थे. सीए का प्रथम ग्रुप IPCC में लगातार 6 बार असफलता मिलने से मैं टूट सा गया था और डिप्रेशन में चला गया . मैं बहुत निराशा में पंहुच गया था . मैंने मन से मान लिया था कि अब कभी सफल नहीं हो सकता. और सोचा अब जीने से क्या फायदा है. अन्य कमजोर स्टूडेंट्स की तरह आत्महत्या के बारे में सोचने लगा. बाजार गया एक चूहा मारने की दवाई खरीद लाया . आटे को गूंथा रोटी बनाई और जैसे ही में खाने को गया, तभी मेरे मन से एक आवाज़ आई की ये तो कायरता है, कठिनाइयों और मुसीबत से तो कमजोर लोग भागते है. मैं कमजोर और कायर नहीं हूँ ? आत्महत्या करना कायरता होगी.

तभी मुझे एक सच्ची कहानी याद आई जब में पिपरिया कलां मंदिर में रहा करता था . तो मेरे घर में एक बहुत दुबली पतली बीमार बिल्ली घुस आई. उसे भगाने का बहुत प्रयास कर रहा था, उसे मार रहा, डरा रहा था पर वो घर से निकलने को तैयार ही नहीं थी. जब थक गया तो उस बिल्ली को उठाकर एक कुत्ते के सामने रख दिया. यकीन मनो दोस्तों उस बीमार बिल्ली में इतनी ताकत आ गयी, वो गुर्राने और फुर्राने लगी उसकी पूँछ लम्बी हो गयी वो कुत्ते से लड़ने को तैयार हो गयी.

बिल्ली का ये हौसला देखकर कुत्ता डर कर भाग गया और फिर बिल्ली भी वहा से निकल गई. इस पूरी कहानी का दॄश्य जब मेरी आँखों के सामने से गुजरा तो मुझे ज्ञात हुआ मेने सफल होने के लिए इतना प्रयास नहीं किया जितना की इस बिल्ली ने अपने आपको बचने के लिए किया. इस प्रकार मेरी विखरी हुई ऊर्जा को मैंने एकत्रित किया और 7-वे अटेम्प में CA – IPPC सफलता मिली, दोस्तों यदि हार कर आत्महत्या कर लेता तो ये मेरी जीवन की सबसे बड़ी मूर्खता होती.

राष्ट्रीय मानव अधिकार संस्था (NHRO) दिल्ली ने एक मानव अधिकार पर नेशनल वर्कशॉप रखी गयी थी. उद्देश्य था कि मानव के अधिकारों पर चर्चा के साथ साथ शिक्षा कितनी जरुरी है. हमारे जीवन में, कार्यक्रम में पूर्व सांसद उदित राज और राजस्थान सरकार के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ओमप्रकाश बैरवा भी शामिल हुए.


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