पोलटॉक एक्सक्लूसिव : बस विवाद पर विधायक अदिति सिंह ने कहा-बिना तैयारी के कांग्रेस से हो गई चूक

कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने पिछले दिनों यूपी में 1000 बस चलाने की अनुमति यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मांगी थी. लेकिन उसको लेकर विवाद और चर्चा बढ़ गई. ये मसला कई दिनों से लोगों के सामने थी. इसीबीच उत्तर प्रदेश के रायबरेली से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने दो ट्वीट कर दिया

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mla aditi singh
अदिति सिंह, कांग्रेस विधायक, रायबरेली, यूपी.

कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने पिछले दिनों यूपी में 1000 बस चलाने की अनुमति यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मांगी थी. लेकिन उसको लेकर विवाद और चर्चा बढ़ गई. ये मसला कई दिनों से लोगों के सामने थी. इसीबीच उत्तर प्रदेश के रायबरेली से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने दो ट्वीट कर दिया. जिससे मामला दूसरी ओर मुड गया. भाजपा अदिति सिंह के ट्वीट को बस मामले को लेकर नजीर देने लगी. पोलटॉक के सम्पादक संतोष कुमार पाण्डेय से विशेष बातचीत में विधायक अदिति सिंह (ADITI SINGH) ने कही ये बातें .

सवाल : आप क्या कांग्रेस से बाहर जाकर इस मुद्दे पर अपनी बात रख रही हैं ?

विधायक अदिति सिंह : नहीं, मेरा मानना यह है कि कांग्रेस पार्टी की नेता को बस देने से पहले पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए थी. इससे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और प्रशासनिक अधिकारियों का समय बर्बाद हुआ है. और पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ. हम कांग्रेस में हैं. बाहर से बात करने की जरूरत क्यों है?

सवाल : इसका राजनीतिक असर क्या पडा है ?

विधायक अदिति सिंह : नुकसान हुआ है. यह सब ठीक नहीं है. न तो श्रमिक इनकी बस से घर जा पाए और न ही बस का कोई फायदा हुआ. हाँ, एक बात और इन्हें अपनी सरकार वाले राज्यों में जाकर यह व्यवस्था करने की जरुरत है. अभी पूरी दुनिया परेशानी में है. ऐसे में यह सब ठीक नहीं है. किसी भी राज्य और दल के लिए.

ये किया था ट्वीट

कोटा में जब UP के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए,बार्डर तक ना छोड़ पाई, तब श्री @myogiadityanath जी ने रातों रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी। आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत,एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान,पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई।

 


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