- 2019 में तकनीशियनों को अवर अभियंता पद पर प्रमोशन देने का मामला
- 300-400 तकनीशियन ऐसे हैं जिन्होंने नौकरी और डिप्लोमा दोनों किया
संतोष कुमार पाण्डेय | सम्पादक
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (upcl ) में बड़ी गडबडी होने की शिकायत है. लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इसपर सुनने को तैयार ही नही है. जबकि इस गंभीर मामले को लेकर पिछले साल 2019 से आवाज उठाई जा रही है. वर्ष 2019 में तकनीशियनों ( टी.जी.2) को अवर अभियंता पद पर प्रमोशन दिया गया. शिकायत है कि पूरे यूपी से उसमें करीब 300-400 तकनीशियन ऐसे हैं जो नौकरी करते रहे और साथ ही साथ आईटीआई (iti) और डिप्लोमा (diploma) भी किये. जिन्हें प्रमोशन के लिए में यह सर्टिफिकेट लगाना अनिवार्य था. आरोप है कि यह सब मिलीभगत से हुआ है. इसी बात की जांच करने के लिए राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ ने 27 जनवरी 2020 को एक शिकायती पत्र पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष और महाप्रबंधक को दिया. लेकिन इस पर कोई सुनवाई अभी तक नहीं हुई है.
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धांधली का यह है मामला
राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ के जौनपुर जिलाध्यक्ष सत्या उपाध्याय की शिकायत है कि इसमें बड़े पैमाने पर धांधली हुई है. वर्ष 2019 में तकनीशियन से अवर अभियंता विषय में व्यवस्थाओं के नियम विरुद्ध जाकर तत्कालीन अध्यक्ष सचिव विद्युत सेवा आयोग के द्वारा पदों का दुरुपयोग किया गया है. और उनकी लापरवाही के कारण ही संपूर्ण चयन में अनियमितता एवं अभ्यर्थियों को अवैध लाभ पहुंचाया गया है. जिसकी निष्पक्ष जांच व दोषियों पर कार्रवाई की जाय.सत्या ने बताया कि 2019 में इसकी शिकायत तत्कालीन एमडी अपर्णा-यू से भी की गई थी. जिस दौरान उन्होंने जांच का आश्वासन दिया था. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
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नहीं उठा फ़ोन और नहीं दिए जवाब
इस मामले पर जब उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के एमडी एम. देवराज को फ़ोन किया गया तो उनका फ़ोन नहीं उठाया. जबकि उन्हें एक मोबाइल से संदेश भी भेजा लेकिन उन्होंने रिप्लाई नहीं किया .