लॉकडाउन (covid-19 effect on jaipur hotels) का असर पूरी दुनिया पर पड़ा है लेकिन भारत के राजस्थान पर कुछ ज्यादा ही पड़ा है. इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होटल्स और ट्रेवेल एजेंसी प्रभावित है. जयपुर के होटल्स और ट्रेवल्स को राजा से ‘रंक’ बना दिया है. जयपुर होटल एसोसिएशन का अनुमान है की इस व्यवसाय को करोडों रुपये का नुकसान हुआ है. जो आने वाले डेढ़ साल तक ठीक नहीं हो सकेगा. इसी पर आधारित खोज करती हुई पढ़िए पोलटॉक की ये स्पेशल रिपोर्ट.
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हमारे लिए तो संकट का साल है…
राजस्थान की राजधानी जयपुर में कुल 1000 होटल हैं. जिनमें 800 बजट क्लास के और लगभग 200 थ्री, फोर और फाइव स्टार क्लास के होटल्स हैं. जो सभी डेढ़ साल के लिए प्रभावित हो चुके हैं. पूरा कारोबार चौपट हो चुका है. होटल्स के लिए संकट का साल है. जयपुर होटल एसोसिएशन के सदस्य और सिविल लाइंस में रानी महल होटल के मालिक मनीष कुमार शर्मा बताते हैं कि बजट क्लास की 800 होटल्स हैं जो पूरी तरह से बंद पड़े हैं. जहां पर ताला लग गया है. इस बार बहुत बड़ी परेशानी है.
चारधाम यात्री और अधिकारियों से निकलता था खर्च
जयपुर के लिए मार्च से जुलाई तक होटल्स के लिए ऑफ सीजीन होता है. इस समय में बड़ी संख्या में लोग चार धाम की यात्रा पर जाते थे. जो जयपुर आकर रुकते थे और यही से हरिद्वार और देहरादून जाते थे. वो इसबार पूरी तरह से ख़त्म हो चुका है. चूंकि, जयपुर राजधानी है इसलिए यहाँ पर पूरे राजस्थान से अधिकारी आते हैं. जिससे हम लोगों का खर्च निकल आता था. और जब सीजन शुरू होता था तो उससे कमाकर हम लोग बचा पाते थे.
सभी तरह के होटल्स प्रभावित
बजट क्लास होटलों में कुल 20 से 25 लोग काम करते हैं. थ्री, फोर और फाइव स्टार होटल्स में 100 लोग काम करते हैं. लॉकडाउन (lockdown) की खबर आते ही हम लोगों ने अपने होटल्स में ताला लगा दिया. मजदूर चले गये है. इस बार पर्यटन है ही नहीं. पर्यटन इंडस्ट्री में कुल 2200-2300 करोड़ का नुकसान हो रहा है. जिसमें होटल का देखा जाय तो 1000 करोड़ और ट्रेवल का कम से 500 करोड़ का नुकसान होगा.