सोमवार के दिन करीब दोपहर 12 बजे एक लगभग छह फीट लंबा साधारण सा व्यक्ति पैंट शर्ट पहने और चेहरे पर मास्क चढ़ाये बाराबंकी के जिला अस्पताल की पर्चा बनवाने ले लिए लाइन में लग गया। तकरीबन 10 मिनट के इंतज़ार के बाद उस व्यक्ति का नंबर आया तो खिड़की के अंदर से पर्चा बना रहे व्यक्ति ने पूछा, नाम क्या है ? काउंटर पर पर्चा बनवाने के लिए खड़े व्यक्ति ने जवाब दिया ब्रजेश पाठक। इतना सुनते से अस्पताल के कर्मचारी से खिड़की से बाहर ध्यान से देखा और हैरान रह गया क्योंकि कर्मचारी के सामने देश के सबसे बड़े आबादी वाले राज्य के उप मुख्यमंत्री खड़े हुए थे। दरअसल, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम और चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक ने बाराबंकी के जिला अस्पताल का औचक निरक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में फैली गंदगी और अव्यवस्था के लिए सीएमएस को फटकार लगाई।
अस्पताल में मिली गंदगी
अचानक अस्पताल पहुंचे ब्रजेश पाठक ने अस्पताल परिसर में फैली गंदगी और दीवारों पर जाले लगे जाले देखकर सीएमएस को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि आप सफाई कर्मचारियों को पैसा देते, लेकिन काम नहीं करवाते। यहां कितने दिनों से सफाई नहीं हुई है ब्रजेश पाठक ने ख़राब पड़ी मशीनों को लेकर भी डॉक्टर को फटकार लगाई। वहीं इस निरक्षण के दौरान लंबी लाइन देखकर डिप्टी सीएम सीएमएस डॉ. ब्रजेश कुुुमार सिंह से कहा कि, “शर्मिंदा हूं एक आदमी पर्चा बना रहा है। 500 लोग लाइन में लगे हैं। ये जनता क्यों खड़ी है, यह पीड़ा किसकी है।”
बंद मिली कोविड हेल्प डेस्क
बाराबंकी के जिला अस्पताल में उप मुख्यमंत्री को कोविड हेल्प डेस्क तो मिली लेकिन वह बंद पड़ी थी। इतना ही नहीं कोविड हेल्प डेस्क का दरवाजा भी बंद था और उस वार्ड के अंदर कबाड़ भरा मिला। यह सब देखकर डिप्टी सीएम पाठक ने सीएमएस से दो टूक शब्दों में कहा कि यह नहीं चलेगा। सुधार की बहुत जरूरत है।
इस औचक निरक्षण के दौरान उप मुख्यमंत्री ने लगभग 40 मिनट तक अस्पताल का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने अल्ट्रासाउंड कक्ष, ट्रामा सेंटर व न्यू बिल्डिंग के वार्डों समेत अन्य चीजों का हाल जाना व व्यवस्था को तत्काल सुधारने के निर्देश दिए। ब्रजेश पाठक ने अस्पताल परिसर वाटर प्लांट पर जाकर पानी पिया तो उन्हें मिला दो में से केवल ही टोटी चल रही थी। पानी पीने के दौरान उप मुख्यमंत्री ने सीएमएस से पूछा कि यह आरओ तो चल ही नहीं रहा है। तो सीएमएस साहब दाएं-बाएं झांकते नजर आये।