- चिकित्सकों ने दो मिनट का मौन रखकर मृतक के आत्मा की शांति की प्रार्थना की
- एक तरफा ख़बरों को प्रसारित करने से परहेज करना चाहिए : डॉ सुभाष सिंह
पोल टॉक नेटवर्क | आजमगढ़
शहर के रोडवेज स्थित एक होटल में आईएमए (IMA) के पदाधिकारियों ने राजस्थान के दौसा जिले की महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा की आत्महत्या (Rajasthan doctor suicide case) के मामले को लेकर प्रेस वार्ता की. प्रेस वार्ता के पूर्व चिकित्सकों ने दो मिनट का मौन रखकर मृतक के आत्मा की शांति की प्रार्थना की. आईएमए के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार सिंह ने कहा कि चिकित्सक सदैव मरीज के जीवन को बचाने में अपना बेस्ट करते है. समाज को चिकित्सकों पर विश्वास करना चाहिए. यह घटना बहुत ही दुखद है और समाज ने एक होनहार चिकित्सक को सदा के लिए खो दिया है. चिकित्सा इतिहास के पन्नों में यह एक काले दिवस के रूप में दर्ज हो गया है.
सचिव डॉ सी. के. त्यागी ने कहा कि चिकित्सक के बिना स्वस्थ समाज की कल्पना नहीं की जा सकती ऐसी स्थिति में समाज की भी यही जिम्मेदारी है कि वह चिकित्सकों की भावनाओं को समझें. जो कार्य चिकित्सक करते है उसका कोई विकल्प नहीं हैं.
प्लास्टिक सर्जन डॉ सुभाष सिंह ने कहा कि कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसी ख़बरें आती है कि चिकित्सक की लापरवाही से मरीज की मौत. ऐसी एक तरफा ख़बरों को प्रसारित करने से परहेज करना चाहिए. मरीज की बीमारी के सम्बन्ध में अन्य चिकित्सक का बयान लेकर गंभीरता को समझा जा सकता है कि आखिर मौत का कारण क्या था.
महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. स्वास्ति सिंह ने कहा कि मुझे उस समाज पर शर्म आती है जो चिकित्सा लापरवाही और गंभीर जटिलता के बीच अंतर को समझने में विफल रहता है। जब भी चिकित्सा प्रक्रिया के बाद कोई जटिलता होती है, तो चिकित्सक पर प्राथमिकी दर्ज की जाती है, उसे मानसिक रूप से परेशान करते हैं.यह बहुत गलत है.
डॉ. शिप्रा सिंह ने कहा कि आत्महत्या के पूर्व सुसाइड नोट में लिखा कि मैंने कोई गलती नहीं की. मेरा मरना शायद मेरी बेगुनाही साबित कर दे। कृपया निर्दोष डॉक्टरों को परेशान न करें। आप सोच सकते है वह किस मानसिक दशा में रही होंगी की यह निर्णय उन्हें लेना पड़ा. उन्होंने कहा कि समाज सोचे और चिकित्सक इस तरह की घटनाओं में अपनी मानसिक स्थिति मजबूत रखे. इस अवसर पर डॉ एस बी सिंह, डॉ विपिन यादव उपस्थित रही.