महान सूफी संत अमीर खुसरो की जन्मभूमि एटा का राजनीतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी इसका महत्व है। कहा जाता है कि एटा का नाम पूर्व में ऐंठा हुआ करता था, जिसका अर्थ होता है ग्रता के साथ जवाब देना। हालांकि धीरे-धीरे इसका नाम बदल कर एटा हो गया। एटा संसदीय सीट उत्तर प्रदेश के चर्चित लोकसभा सीटों में शुमार है। आईये एटा जिले की एटा लोकसभा सीट के इतिहास और राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में जानते हैं।
एटा लोकसभा क्षेत्र और मतदाता
एटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिसमें अमनपुर, एटा, कासगंज, मारहरा और पटियाली शामिल है। एटा जिले का कुल क्षेत्रफल 2,456 वर्ग किलोमीटर है। यहा की जनसंख्या, 2011 की जनगणना के अनुसार 131,023 है। जिसमें से 69,446 पुरुष और 61,577 महिलाएं हैं। यहां प्रति 1000 पुरुषों पर 863 महिलाएं हैं।
एटा की औसत साक्षरता दर 85.62 प्रतिशत है। यहांं पुरुष साक्षरता दर 73 प्रतिशत और महिला साक्षरता दर 63 प्रतिशत है। यहां यादव और राजपूतों की संख्या बहुत ज्यादा है।एटा सीट पर कुल 16 लाख 7 हज़ार 290 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 8 लाख 70 हज़ार 601 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 7 लाख 36 हज़ार 641 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 48 है। एटा लोकसभा क्षेत्र में लोध, यादव और शाक्य जातीय बहुल है।
एटा लोकसभा सीट का इतिहास
एटा लोकसभा सीट पर सबसे पहले 1952 में चुनाव हुआ था। पहले चुनाव में कांग्रेस पार्टी से रोहनलाल चतुर्वेदी एटा सीट से पहले सांसद चुने गए थे। हिंदू महासभा ने साल 1957 और 1962 में जीत दर्ज की थी। उसके बाद साल 1967 और 1971 का चुनाव जीत कांग्रेस ने यहां से वापसी की। लेकिन 1977 में चली कांग्रेस विरोधी लहर में चौधरी चरण सिंह की भारतीय लोकदल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। कांग्रेस पार्टी को एटा सीट पर 1980 के चुनाव में यहां से आखिरी बार जीत मिली थी।
1984 में लोक दल के जीत दर्ज करने के बाद एटा लोकसभा सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में आ गयी। भारतीय जनता पार्टी ने 1989, 1991, 1996 और 1998 के चुनाव में लगातार जीत हासिल की। बीजेपी के टिकट से महादीपक सिंह शाक्य ने चार बार लगातार जीत हासिल की थी। एटा सीट पर 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से डॉ देवेन्द्र सिंह यादव ने चुनाव जीता। 2009 के लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने भारतीय जनता पार्टी से अलग हो अपनी पार्टी बनाई और चुनाव में जीत भी हासिल की। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में एटा लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के राजवीर सिंह ने जीत दर्ज की।
एटा लोकसभा सीट पर अब तक के सभी सांसद
लोकसभा | वर्ष से | वर्ष तक | नाम | पार्टी |
पहली | 1952 | 1957 | रोहनलाल चतुर्वेदी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
दूसरी | 1957 | 1962 | बिशंचंदर सेठ | हिन्दू महासभा |
तीसरी | 1962 | 1967 | बिशंचंदर सेठ | हिन्दू महासभा |
चौथी | 1967 | 1971 | रोहनलाल चतुर्वेदी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
पांचवी | 1971 | 1977 | रोहनलाल चतुर्वेदी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
छठवीं | 1977 | 1980 | महादीपक सिंह शाक्य | भारतीय लोक दल |
सातवीं | 1980 | 1984 | मुशीर अहमद खान | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इंदिरा) |
आठवीं | 1984 | 1989 | मोहम्मद महफूज़ अली | लोकदल |
नौवीं | 1989 | 1991 | महादीपक सिंह शाक्य | भारतीय जनता पार्टी |
दसवीं | 1991 | 1996 | महादीपक सिंह शाक्य | भारतीय जनता पार्टी |
ग्यारहवीं | 1996 | 1998 | महादीपक सिंह शाक्य | भारतीय जनता पार्टी |
बारहवीं | 1998 | 1999 | महादीपक सिंह शाक्य | भारतीय जनता पार्टी |
तेरहवीं | 1999 | 2004 | डॉ देवेन्द्र सिंह यादव | समाजवादी पार्टी |
चौदहवीं | 2004 | 2009 | डॉ देवेन्द्र सिंह यादव | समाजवादी पार्टी |
पंद्रहवीं | 2009 | 2014 | कल्याण सिंह | जन क्रांति पार्टी |
सोलहवीं | 2014 | 2019 | राजवीर सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
सत्रवीं | 2019 | अब तक | राजवीर सिंह | भारतीय जनता पार्टी |