- बिहार के 10 जिले बाढ़ की जद में, घरों में घुसा पानी
- कोरोना के साथ ही साथ अब बाढ़ की परेशानी
संतोष कुमार पाण्डेय | सम्पादक
बिहार में लगभग हर साल बाढ़ (flood) आ ही जाती है. वहां पर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है. मगर वहां की सरकार और नेता बस बाढ़ को देखते है और भूल जाते हैं. इस बार फिर बाढ़ की स्थिति बन गई है. लोग परेशान हैं. इसी बाढ़ को देखने के लिए बिहार के नेताप्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कुछ क्षेत्रों का जायजा लिया है. जहा पर उन्होंने उन्हें राहत देने की बात कही है. और कुछ प्रभावित लोगों से बातचीत भी किया है.
तेजस्वी यादव ने सरकार को घेरा
NDA के 39 लोकसभा सांसद क्षेत्रों से गायब है. सरकार के कोई भी प्रभारी मंत्री संबंधित जिलों में नहीं गए. पूरा मंत्रिमंडल नदारद है. बाढ़ विभीषिका में जलसंसाधन मंत्री का कुछ अता-पता नहीं और ना ही स्वास्थ्य व आपदा प्रबंधन मंत्री का. हम हरसंभव पीड़ितों व जरूरतमंदों की सहायता कर रहे है.
मधुबनी, दरभंगा और कोसी दियारा के लोगों में नीतीश सरकार के प्रति जबरदस्त असंतोष है. कोई सरकार आम लोगों से, उनकी तकलीफों से ऐसे कैसे मुँह मोड़ सकती है? बिहार बुरी तरह से बाढ़ और कोरोना के दुष्चक्र में धँस चुका है. 4 महीनों से ग़ायब नीतीश को जनता के दुखों से कोई सरोकार ही नहीं है.
बिहार बाढ़ में डूब गया और नीतीश जी के आंख के आंसू सूख गए. नीतीश यहां नहीं आएंगे लेकिन 7 तारीख को अपनी कुर्सी बचाने के लिए वर्चुअल रैली अटेंड करेंगे. नीतीश कुमार की इंसानियत खत्म हो गई है और अंतरात्मा बंगाल की खाड़ी में डूब रही है.
ये जिले हैं बाढ़ से प्रभावित
सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, खगड़िया, पूर्वी व पश्चिमी चम्पारण बाढ़ से प्रभावित हैं. इन जिलों में अभी 6.36 लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित है. इन प्रभावितों को सहायता देने के लिए आपदा प्रबंधन ने लोगों की पहचान कर उनकी सूची बनाने का निर्देश जिलों को दिया है.