कांग्रेस में बड़ा फेरबदल : राहुल के करीबियों को दी गई बड़ी जिम्मेदारी, ये हैं सबके नाम

कांग्रेस पार्टी में हाईकमान ने राष्ट्रीय स्तर पर संगठन में बड़ा फेरबदल किया है। पार्टी महासचिव के. सी.वेणुगोपाल ने शुक्रवार को नए महासचिवो व प्रदेश प्रभारी कि घोषणा की है। पार्टी में महासचिव का पद बहुत ही जिम्मेदाराना होता है। पार्टी में राजनीतिक हलचल से लेकर बड़े से बड़े कार्य को पहले महासचिव की निगरानी में करना होता है। प्रियंका गाँधी , रणदीप सुरजेवाला, तारीक अनवर, जितेंद्र सिंह, हरीश रावत, ओमन चांडी, मुकुल वासनिक, अजय माकन और वेणुगोपाल के तौर पर पार्टी में कुल नौ महासचिव होंगे।

0
866
SONIA AND RAHUL
SONIA AND RAHUL

  • कई वरिष्ठ नेताओं को तरजीह और कई को किनारे लगाया गया
  • बिहार और बंगाल में होने वाला है विधान सभा का चुनाव, हो गई पूरी तैयारी

पोल टॉक नेटवर्क | दिल्ली

कांग्रेस पार्टी में हाईकमान ने राष्ट्रीय स्तर पर संगठन में बड़ा फेरबदल किया है। पार्टी महासचिव के. सी.वेणुगोपाल ने शुक्रवार को नए महासचिवो व प्रदेश प्रभारी कि घोषणा की है। पार्टी में महासचिव का पद बहुत ही जिम्मेदाराना होता है। पार्टी में राजनीतिक हलचल से लेकर बड़े से बड़े कार्य को पहले महासचिव की निगरानी में करना होता है। प्रियंका गाँधी , रणदीप सुरजेवाला, तारीक अनवर, जितेंद्र सिंह, हरीश रावत, ओमन चांडी, मुकुल वासनिक, अजय माकन और वेणुगोपाल के तौर पर पार्टी में कुल नौ महासचिव होंगे।

BIHAR VIDHAN SABHA CHUNAV 2020 : इमरजेंसी में गई थी रघुवंश प्रसाद सिंह की प्रोफेसर की नौकरी, फिर आगे बढ़ते गये !

कांग्रेस नेतृत्व ने कई नये प्रभारी भी नियुक्त किये हैं और कई प्रदेशों के प्रभार में फेरबदल भी किये हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल को पार्टी प्रशासन, रजनी पाटिल को जम्मू-कश्मीर, राजीव शुक्ला को हिमाचल प्रदेश, जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह, शक्ति सिंह गोहिल को दिल्ली व बिहार, पी. एल. पुनिया को छत्तीसगढ़ ओर दिनेश गुंडूराव को तमिलनाडु, पुडुचेरी और गोवा के प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है. इसके साथ ही मणिकम टैगोर को तेलंगाना, चेल्लाकुमार को ओडिशा, एचके पाटिल को महाराष्ट्र, देवेंद्र यादव को उत्तराखंड, विवेक बंसल को हरियाणा, मनीष चतरथ को अरुणाचल प्रदेश एवं मेघालय, भक्त चरण दास को मिजोरम एवं मणिपुर तथा कुलजीत सिंह नागरा को सिक्किम, नगालैंड और त्रिपुरा का प्रभारी बनाया गया है।

BIHAR VIDHAN SABHA CHUNAV 2020 : इमरजेंसी में गई थी रघुवंश प्रसाद सिंह की प्रोफेसर की नौकरी, फिर आगे बढ़ते गये !

इन राज्यों का मिला इन्हें प्रभार

हरीश रावत

हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है जो फरवरी 2016 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे तथा पांच बार कांग्रेस से लोकसभा के सांसद रहे है। रावत मनमोहन की 15 वी लोकसभा में जल संसाधन मंत्री थे।7वी लोकसभा में कांग्रेस के सरकार नही बनी जिसके चलते राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद रावत ने भी अगले ही दिन प्रदेश महासचिव पद से राज्य में हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था। वे उस समय असम राज्य के प्रदेश महासचिव थे। नई सूची में उनका नाम एक बार फिर पंजाब राज्य के लिए प्रदेश महासचिव पद के लिए चुना गया है।

अपराधियों की राजधानी बन रही जयपुर, सरकार है मौन : सांसद बोहरा

मुकुल वासनिक

महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेताओं में से एक मुकुल वासनिक के राजनीतिक जीवन की शुरुआत एनएसयूआई जो कांग्रेस की स्टूडेंट विंग है से हुई। उनके पिता भी महाराष्ट्र के दिग्गज नेताओं में शामिल थे जिन्होंने 28 साल की उम्र में लोकसभा चुनाव जीत। उन्ही की तरह मुकुल ने 25 साल की उम्र में पारम्परिक सीट से चुनाव जीता। ये उस समय के सबसे कम उम्र के सांसद थे। 1984 से 1986 तक एनएसयूआई और 1988 से 1990 तक भारतीय यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। मुकुल केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी के साथ साथ कमलनाथ सरकार के गिरने से पहले मध्य्प्रदेश के प्रभारी बनाए गए थे। अब शुक्रवार को नई सूची में उन्हें मध्य्प्रदेश का राज्य महासचिव बनाया गया है।

BIHAR CHUNAV 2020 : बिहार के ये आठ जिले होंगे नई सरकार के लिए ‘भाग्यविधाता’

रणदिप सिंह सुरजेवाला

रणदीप सुरजेवाला कांग्रेस के राजनेता तथा हरियाणा के कैथल से विधायक रह चुके हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में सुरजेवाला साल 2009 से 2014 तक मंत्रिमंडल में सदस्य रहे हैं। वे हरियाणा के सबसे कम उम्र के सबसे चर्चित नेताओं में शामिल है। साल 2005 में सुरजेवाला को यातायात व नागरिक उड्डयन, जन निर्माण विभाग तथा संसदीय कार्यो के विभाग देते हुए सबसे कम उम्र का कैबिनेट मंत्री बनाया था। सुरजेवाला कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता है तथा इन्हें कर्नाटक राज्य का प्रदेश महासचिव बनाया गया है।

जन्मदिन विशेष : राजनीतिक झंझावातों के बीच पहली बार कॉकपिट में खामोश बैठे ‘पायलट’

अजय माकन

अजय माकन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है। माकन दो बार सांसद और तीन बार दिल्ली विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। माकन आवास और राहत उन्मूलन के केंद्रीय मंत्री रहे हैं। माकन ने अपनी राजनीति की शुरुआत दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र नेता के तौर पर 1985 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संगठन में अध्यक्ष पद पर रहकर की। वर्तमान में गहलोत व पायलट की सियासी हलचल के दौरान कांग्रेस की तीन सदस्य की कमेटी गठित की जो दोनों के मुद्दों को सुनकर समाधान निकाले। इसमे पार्टी लीडर अहमद पटेल, के.सी.वेणुगोपाल और माकन चुने गए थे जिसके बाद पायलट को दौबारा पार्टी में लाने में सफल हुए। गहलोत के विधानसभा में विश्वास पत्र लाने के दो दिन बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने माकन को राजस्थान का प्रदेश महासचिव नियुक्त किया था। नई सूची में माकन का नाम व स्थान बरकरार रखा गया है।

क्या ये भोजपुरी स्टार बिहार चुनाव में लगा पाएंगे जीत का ‘तड़का’

प्रियंका गांधी वाड्रा

प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की बेटी है। प्रियंका गांधी अब तक उत्तर प्रदेश व पश्चिम क्षेत्र जिसे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संभाल रखा था को प्रदेश को महासचिव के तौर पर सम्भाल रही थी। प्रियंका गांधी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की सदस्य है। प्रियंका चुनावों में अपनी मां व भाई राहुल गांधी के चुनावी क्षेत्रों की प्रबंधन का कार्य भी करती हैं। प्रियंका गांधी को अब ओपचारिक रूप से उत्तर प्रदेश की प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है।

राजस्थान के ऐसे पांच मुख्यमंत्री जो ज़िंदा तो नहीं है मगर हमेशा चर्चाओं में ‘ज़िंदा’ रहते है

के.सी.वेणुगोपाल

के.सी.वेणुगोपाल कांग्रेस पार्टी के राजनेता व वर्तमान में राजस्थान से राज्यसभा में सांसद हैं। वेणुगोपाल 16वी लोकसभा में केरल की अलप्पुझा सीट से सांसद भी रहे हैं। वेणुगोपाल को कांग्रेस पार्टी महासचिव चुना गया है तथा वे एआईसीसी के सदस्य भी है।

BIHAR CHUNAV 2020 : लालू यादव ने कन्हैया कुमार के लिए चल दिया बड़ा दांव !

तारिक़ अनवर

तारिक़ अनवर राजनीति में बहुत कम आयु में ही राजनीति में आ गए थे। तारिक़ 1976 से 1981 तक बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रहे। 1982 से 1985 तक भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। 1988 से 89 तक वे पबिहार प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे। सन 1991 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शामिल हो गए। साल 2004 में वे राज्यसभा के सदस्य रहे तथा वर्तमान में बिहार के कटिहार लोकसभा सीट से सांसद है। तारिक अनवर पिछले लोकसभा चुनाव से पहले एनसीपी को छोड़ कांग्रेस में वापस आ गए। उनके राजनीति के तजुर्बे के आधार पर उन्हे केरल और लक्षद्वीप का प्रदेश महासचिव चुना गया।

इन पांच सांसदों ने जीत लिया जनता का ‘दिल’ और बना दिया बड़ा रिकॉर्ड

जितेंद्र सिंह

राजस्थान के अलवर जिले के राजघराने से ताल्लुक़ रखने वाले जितेंद्र सिंह अलवर से सांसद रह चुके है। जितेंद्र 1998 मे पहली बार राजस्थान कि विधानसभा के लिए कांग्रेस से चुने गए थे। 2003 में एक बार फिर जितेंद्र विधानसभा पहुंचे। 2007 में एआईसीसी के सदस्य चुने गए तथा 2011 में पहली बार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री। 2012 में गृह रक्षा मंत्री व खेल मामलात के मंत्री बने। अब असम राज्य के लिए प्रदेश महासचिव चुने गए हैं।

BIHAR CHUNAV 2020 UPDATE : बिहार में इस बार सत्ता के चेंजमेकर पप्पू यादव और ओवैसी

ओमान चांडी

ओमान चांडी केरल के मुख्यमंत्री है। उन्हें केरल के पहले 2004 से 2006 तक मुख्यमंत्री और 2006 से 2011 तक विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे। उन्हें 2018 में दिग्विजयसिंह की जगह असम राज्य का प्रदेश महासचिव बनाया गया था जिनका नाम नई सूची में भी बरकरार रखा गया है।


Leave a Reply