भाजपा के सत्ता मिशन में यूपी के कुछ ऐसे नेता रहे जो मोदी के सपनों को साकार किये. मध्यप्रदेश में मौजूदा हालात भी अब राज्यपाल के हाथ में हैं. लाल जी टंडन जो मध्य प्रदेश के राज्यपाल है और लखनऊ से विधायक और सांसद रहे. ऐसा ही हुआ था बिहार में जब नितीश कुमार ने गठबंधन तोड़ा था. उस समय बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने भी बड़ी भूमिका निभाई थी. और जब जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाई गई तो उस समय भी राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी बड़ी भूमिका निभाई थी. और जब महाराष्ट्र में कोश्यारी के हाथ में ऐसी भूमिका निभाने की बारी आई तो फेल हुए.
केसरी नाथ त्रिपाठी ने बिहार में जब जदयू और राजद की सरकार कमजोर हुई और टूटी तो भाजपा के साथ सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई. केसरी नाथ त्रिपाठी प्रयागराज के दिग्गज नेता है. कई बार विधायक, मंत्री और विधान सभाअध्यक्ष रहे हैं. मोदी के बिहार सपने को उन्होंने पूरा किया था.
सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे. उनके समय में मोदी सरकार ने बड़ा निर्णय लिया था. उसे बखूबी तरीके से मलिक ने निभाया था. मोदी सरकार को इसका पूरा फायदा भी मिला. इसके बाद ही सत्यपाल मलिक को वहां से हटाकर गोवा का राज्यपाल बनाया गया है.
मध्यप्रदेश में कमल नाथ की सरकार बदलनी है तो यूपी के ही निवासी राज्यपाल लालजी टंडन के हाथ में यह जिम्मेदारी आई है. गेंद अब लालजी के पाले में आ चुकी है. अब देखने वाली बात है क्या कलराज मिश्रा राजस्थान में ऐसा कर पाने में सफल होते हैं या नहीं. क्योंकि राजस्थान को भी लेकर कई तरह की चर्चाएँ हो रही हैं.
महाराष्ट्र में जब सत्ता परिवर्तन की बात आई तो उत्तराखंड के भगत सिंह कोश्यारी ने इसमें सफलता नहीं पाई और साथ ही साथ भाजपा राजनीतिक तौर पर बड़ा नुक्सान भी हुआ.