- अखिलेश यादव ने कहा अयोध्या में अँधेरे में रखी गयीं मूर्तियां
- अखिलेश ने कहा, कहीं पर भी पत्थर रख दो बन जायेगा मंदिर
पोलटॉक नेटवर्क | लखनऊ/आदित्य कुमार
Akhilesh Yadav on Gyanvapi Masjid: सपा प्रमुख अखिलेश यादव (akhilesh yadav gyanvapi) ने ज्ञानवापी मस्जिद (gyanvapi mosque) में शिवलिंग मिलने के मुद्दे पर ऐसा दे बयान दिया है जिस अपर अब विवाद हो रहा है। ज्ञानवापी मस्जिद (gyanvapi masjid) को लेकर 1991 में संसद द्वारा पारित कानून का हवाला देते और सर्वे रिपोर्ट के लीक होने पर सवाल उठाते- उठाते अखिलेश यादव ने हिन्दू धर्म (hindu dharm) की आस्था पर सवाल खड़ा कर दिया।
कहीं भी पत्थर रख दो तो मंदिर बन गया
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अयोध्या में कहा, ‘हमारे हिंदू धर्म में यह है कि कहीं पर भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे तो मंदिर बन गया। बुलडोजर कार्रवाई केवल डराने के लिए है। ये बुलडोजर केवल धर्म, जाति और हमारे मुसलमान भाईयों को डराने के लिए है। बुलडोज़र कार्रवाई बड़े लोगों के लिए नहीं है। एक समय ऐसा था कि रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दी गई थीं। बीजेपी कुछ भी कर सकती है और कुछ भी करा सकती है।’
भाजपा डिवाइड एंड रूल कर रही
ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के मुद्दे पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा अयोध्या से बेहतर कोई नहीं जानता होगा, एक समय ऐसा था कि रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दी गईं। बीजेपी कुछ भी कर सकती है। बीजेपी कुछ भी करा सकती है। अखिलेश यादव ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा उठाया जा रहा है। यह स्मोक स्क्रीन है। यह मुद्दा भाजपा जानबूझकर उठा रही है। जिस तरह अंग्रेजों ने डिवाइड एंड रूल किया था उसी तरह से भाजपा भी डिवाइड एंड रूल कर रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी जान-बुझकर ज्ञानवापी का मुद्दा उठा रही है ताकि हम-आप असली मुद्दों से बहक जाएं। बीजेपी अपनी बड़ी-बड़ी साजिशों को छुपाने के लिए ज्ञानवापी का मुद्दा बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट 1991 के कानून का ध्यान रखेगा। अंग्रेजों ने जिस तरह डिवाइड एंड रुल किया था। वैसे ही बीजेपी कर रही है। धर्म और जात के नाम पर बांटकर के ध्यान हटा रही है।
बीजेपी के किया अखिलेश यादव पर पलटवार
सपा प्रमुख अखिलेश यादव की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए हुए बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, ”विनाश काले विपरीत बुद्धि, अखिलेश यादव ने जिस तरह तुष्टिकरण की पराकाष्ठा पार करके ज्ञानवापी मुद्दे पर जिस प्रकार टिप्पणी की है उससे साफ हो गया है कि पराजय से उन्होंने कुछ नहीं सीखा। अभी भी वह तुष्टिकरण की उसी राह पर हैं, जहां वह हिंदुओं को अपमानित करते हैं। समाजवादी पार्टी जिसने कारसेवकों पर गोली चलवाने का पाप किया था, वे चाहते तो प्रायश्चित कर सकते थे, लेकिन वह अभी भी हिंदू विरोध का मसाल लेकर चल रहे हैं और तुष्टिकरण की पराकाष्ठा कर रहे हैं। अखिलेश यादव इससे पतन के रास्ते पर जाएंगे।”