- हार्दिक पटेल ने थामा बीजेपी का हाथ
- हार्दिक के पुराने बयान हो रहे वायरल
पोलटॉक नेटवर्क | अहमदाबाद
गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए। हार्दिक पटेल ने बीजेपी में शामिल होने के बाद कहा कि भारत को विश्वगुरु बनाने के अभियान में एक सच्चा सिपाही बनकर काम करूँगा।वहीं हार्दिक पटेल के भाजपाई होते ही उनके द्वारा बीजेपी के खिलाफ दिए गए बयान सामने आने लगे हैं। भजपा में शामिल होने के बाद सोशल मीडिया पर हार्दिक पटेल के पुराने ट्वीट्स भी वायरल हो रहें हैं। वायरल हो रहे ट्वीट्स में हार्दिक पटेल ने बीजेपी, पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ बयान दिए थे।
हार्दिक पटेल के बीजेपी के खिलाफ बयान
‘मुसलमान होना देश में जुर्म’
हार्दिक पटेल ने कहा था कि मुसलमान होना तो इस देश मे जुर्म समझा जाता हैं, मगर मैं तो हिंदू हूं फिर भगवा टोला हाथ धोकर मेरें पीछे क्यूं पड़ा हुआ है क्या सिर्फ इस लिए की हमने साहेब को चुनौती दी है?
अमित शाह को बताया था जनरल डायर
हार्दिक पटेल के नेतृत्व में पाटीदार समाज के लोग अहमदाबाद के जीएमडीसी ग्राउंड में ही जम गए थे। पुलिस ने रात के समय लाठीचार्ज कर दिया जिसके बाद पाटीदार आंदोलन की आग पूरे गुजरात में भड़क उठी। पूरे प्रदेश में करीब 500 हिंसक घटनाएं हुईं और इसमें पाटीदार समाज के 14 युवकों की मौत हुई। इस घटना के बाद पाटीदार समाज बहुत नाराज हुआ। पाटीदारों को मनाने के लिए अमित शाह खुद गुजरात गए थे। पाटीदार युवाओं ने अमित शाह का विरोध किया था। तब अमित शाह को हार्दिक पटेल ने जनरल डायर का नाम दिया था।
‘अमित शाह के पैरों की जूती वालों को बीजेपी करती है आगे’
हार्दिक पटेल हमेशा से ही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के खिलाफ खुलकर बोलते आये हैं। इस कड़ी में हार्दिक पटेल ने दिसंबर 2017 में एक ट्वीट किया और लिखा, ‘भाजपा में सही लोगों को सम्मान नहीं दिया जाता है लेकिन जो अमित शाह के पैरों की जूती बनकर रहता है उनको आगे किया जाता है।’
‘बीजेपी से नहीं चाहिए राष्ट्रभक्ति का सर्टिफिकेट’
2018 में भोपाल पहुंचे हार्दिक पटेल ने कहा था, ‘मेरे भोपाल प्रवास को लेकर तरह-तरह की बातें कही गईं। यहां तक कहा गया कि तुम्हारे आने से जातिवाद होगा। अगर युवाओं, किसानों और रोजगार की बात करना जातिवाद है तो मुझे यही करना है, लेकिन जो हिंदू और मुसलमान की राजनीति करे, देश को तोड़ने की बात करे, उसे वे लोग जातिवाद नहीं कहते हैं, बल्कि उसे राष्ट्रभक्ति कहते हैं, हमें ऐसे लोगों से राष्ट्रभक्ति का सार्टिफिकेट नहीं चाहिए।’