जानें हरदोई लोकसभा सीट का इतिहास, तीन दशक से नहीं खुल रहा है कांग्रेस का खाता

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Hardoi Lok Sabha History

हरदोई लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक सीट है। हरदोई जिला राजधानी लखनऊ से सटा हुआ है। हरदोई लोकसभा संसदीय क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। हरदोई के नाम को लेकर ऐसी मान्यता है कि हरदोई शब्द ‘हरिद्रोही’ का बिगड़ा हुआ रूप है। यहां राजा हिरन्यकश्यप राज करता था जो किसी भी भगवान को न मान कर खुद को ही भगवान कहता था। भगवान के विरुद्ध होने की वजह से इस जगह का नाम हरिद्रोही था। राजा को मारने के लिए भगवान विष्णु ने नरसिम्हा का अवतार लिया और यहीं पर उसको मारा था।

हरदोई की आबादी और शिक्षा 

हरदोई जिले का कुल क्षेत्रफल 5947 वर्ग किलोमीटर है। 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की जनसंख्या 4,091,380 है, जिसमें से 1,887,116 महिलाएं और 2,204,264 पुरुष हैं। हरदोई की औसत साक्षरता दर 81.67 प्रतिशत है। यहां 86.59 प्रतिशत पुरुष और 76.22 प्रतिशत महिलाएं साक्षर हैं। हरदोई में कुल मतदाताओं की संख्या 1,714,388 है जिसमें महिला मतदाता 774,501 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 939,831 है। हरदोई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधान सभा क्षेत्र आते हैं जिसमें सवैजपुर, शाहाबाद, हरदोई, गोपामऊ और संदी शामिल है।

हरदोई लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास 

पहले हरदोई फर्रूखाबाद उत्तरी संसदीय क्षेत्र के तहत आता था। इस सीट पर पहली बार 1952 में चुनाव हुआ था। 1952 के लोकसभा चुनाव में बुलाकी राम वर्मा सांसद चुने गए थे। इसके बाद 1957 में हरदोई लोकसभा सीट का गठन हुआ और 1957 में हुए चुनाव में भारतीय जनसंघ ने इस सीट पर कब्ज़ा किया था। 1957 में ही हरदोई सीट पर उपचुनाव हुए और यह सीट कांग्रेस के कहते में चली गयी। 1962 में कांग्रेस के किंदर लाल ने हरदोई में अपनी जीत का परचम लहराया और लगातार 3 बार यहां से सांसद चुने गये। हरदोई सीट पर 1977 में हुए चुनाव में जनता पार्टी ने जीत हासिल की।

1980 के लोकसभा चुनाव में हरदोई सीट पर कांग्रेस ने फिर वापसी की और कांग्रेस से मन्नी लाल सांसद चुने गए। 1984 के चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की और हरदोई लोकसभा सीट पर कांग्रेस की यह अंतिम जीत थी तबसे लेकर आज तक कांग्रेस हरदोई लोकसभा सीट नहीं जीत सकी है। 1989 में जनता दल के परमई लाल फिर से यहाँ के सांसद बने। हरदोई लोकसभा सीट पर 1999 में भारतीय जनता पार्टी का खाता खुला। 1998 के चुनाव में सपा से उषा वर्मा ने इस जीत पर जीत दर्ज की।  1999 के चुनाव में बीजेपी के जय प्रकाश सांसद बने। जय प्रकाश यहां से दो बार सांसद चुने गए। 2004 में बहुजन समाज पार्टी पहली बार यहाँ जीती और इलियास आज़मी यहाँ के सांसद बने। 2009 के चुनाव में सपा नेता उषा वर्मा हरदोई से सांसद बनीं। 2014 में मोदी लहर के साथ हुए चुनावों में हरदोई लोकसभा से अंसुल वर्मा ने जीत हासिल की। वहीं 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी की विजय हुई। वर्तमान ने हरदोई सीट से बीजेपी के जय प्रकाश सांसद हैं।

हरदोई लोकसभा सीट पर अब तक के सभी सांसद  

लोकसभा वर्ष से वर्ष तक नाम पार्टी
दूसरी 1957 1962 दरोहर शिवदीन भारतीय जन संघ
उपचुनाव 1957 1962 छेदा लाल गुप्ता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
तीसरी 1962 1967 किंदर लाल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
चौथी 1967 1971 किंदर लाल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पांचवी 1971 1977 किंदर लाल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
छठवीं 1977 1980 परमाई लाल जनता पार्टी
सातवीं 1980 1984 मन्नी लाल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस(इंदिरा)
आठवीं 1984 1989 किंदर लाल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
नौवीं 1989 1990 परमाई लाल जनता दल
उपचुनाव 1990 1991 चाँद राम जनता दल
दसवीं 1991 1996 जय प्रकाश भारतीय जनता पार्टी
ग्यारहवीं 1996 1998 जय प्रकाश भारतीय जनता पार्टी
बारहवीं 1998 1999 उषा वर्मा समाजवादी पार्टी
तेरहवीं 1999 2004 जय प्रकाश
अखिल भारतीय लोक तांत्रिक कांग्रेस
चौदहवीं 2004 2009 इलियास आज़मी बहुजन समाज पार्टी
पंद्रहवीं 2009 2014 उषा वर्मा समाजवादी पार्टी
सोलहवीं 2014 2019 अंशुल वर्मा भारतीय जनता पार्टी
सत्रवीं 2019 अब तक जय प्रकाश भारतीय जनता पार्टी

 


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