देश के राजनीतिक दंगल में उत्तर प्रदेश एक बड़ा अखाड़ा है। यहां बड़े-बड़े सियासी पहलवान आकर दांव पेंच आजमाते हैं। इन्ही राजनीतिक पहलवानों में से के हैं राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के अध्यक्ष जयंत चौधरी। जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) वर्तमान में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अपनी पारिवारिक राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। जयंत चौधरी अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक दल को उत्तर प्रदेश में मजबूत करने में जुटे हुए हैं। आईये जानते कौन हैं जयंत चौधरी ?
जयंत चौधरी का जीवन परिचय
जयंत चौधरी का जन्म 27 दिसंबर 1978 को टेक्सास, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ था। जयंत मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा के निवासी हैं और उनका परिवार और पूर्वज मुजफ्फरनगर में रहते थे। जयंत चौधरी का संबंध राजनीतिक परिवार से है। जयंत चौधरी के पिता चौधरी अजीत सिंह (Chaudhary Ajit Singh) पश्चमी उत्तर प्रदेश में किसानों के बड़े नेता माने जाते थे। जयंत चौधरी के दादा चौधरी चरण चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) सिंह हैं। चौधरी चरण सिंह देश के पूर्व प्रधानमंत्री रहे और उनकी राजनीति के केंद्र में हमेशा किसान ही रहे थे।
जयंत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री वेंकटेश्वर कॉलेज से अंडरग्रेजुएट किया। जयंत चौधरी ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से 2002 में मास्टर ऑफ फाइनेंस किया इसके साथ ही जयंत ने पॉलिटिकल साइंस की भी पढ़ाई की है। जयंत चौधरी ने दिल्ली में एक इंवेस्टमेंट बैंक में लगभग 2 साल काम किया। जयंत की शादी चारु सिंह से हुई उनकी दो बेटियां हैं।
जयंत चौधरी का राजनीतिक सफर
जयंत चौधरी को सियासत अपने परिवार से विरासत में मिली है। जयंत सिंह का जन्म हुआ तब उनके दादा का केंद्र की राजनीति में सिक्का चल रहा था। जयंत चौधरी ने 1996 में अपने राजनीतिक गतिविधि की शुरुआत की थी। जयंत ने 1996 के उपचुनाव में चुनाव प्रचार में हिस्सा लेना शुरू किया। इसके बाद 2002 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने पूर्ण रूप चुनाव प्रचार किया। 2004 के लोकसभा चुनाव में भी जयंत प्रचारक सदस्य के रूप में सक्रिय रहे।
जयंत का जन्म अमेरिका में हुआ था जिसके चलते उन्हें भारतीय नागरिकता नहीं हासिल हो पायी थी। 2007 में जयंत चौधरी को भारत की नागरिकता मिली। भारत का नागरिक बनने के बाद जयंत ने 2009 में सक्रिय रूप से सियासी एंट्री ली। 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने मथुरा सीट से अपना पहला चुनाव लड़ा, जिसे वह जीतने में सफल रहे।
2012 का विधानसभा चुनाव हुआ तो जयंत सिंह ने मथुरा की ही मांट सीट से चुनाव लड़ा जीतकर पहली बार यूपी विधानसभा पहुंचे। 2014 के लोकसभा चुनाव में जयंत चौधरी ने एक बार फिर से मथुरा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन मोदी लहर के चलते उन्हें अभिनेत्री हेमा मालिनी से हार का सामना करना पड़ा। 2019 के लोकसभा चुनाव में जयंत ने बागपत सीट से चुनाव लड़ा और हार गए।
RLD की संभाली कमान
मई 2021 में जयंत चौधरी के पिता अजीत सिंह का निधन हो गया। पिता के निधन के बाद पार्टी की जिम्म्मेदारी जयंत के कन्धों पर आ गयी। अजीत सिंह के निधन के बाद पार्टी को नेतृत्व सँभालने वाली नेता की आवश्यकता थी और जयंत चौधरी ने यह जिम्मेदारी उठाई। चौधरी अजीत सिंह के निधन के बाद जयंत को ही आरएलडी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान सौंपी गई।
जयंत चौधरी के पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद सामने खड़ी थी विधानसभा चुनाव 2022 की चुनौती। जयंत ने 2022 के चुनाव से निपटने के लिए समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया। 2022 का चुनाव सपा और रालोद ने मिलकर लड़ा। 2022 के चुनाव में आरएलडी ने 33 सीटों पर प्रत्याशी उतारे और 8 सीटों पर जीत हासिल की।
जयंत को भेजा राज्यसभा
2022 के चुनाव में सपा के साथ लड़े जयंत ने चुनाव के बाद भी गठबंधन जारी रखा। नतीजन समाजवादी पार्टी ने उन्हें इसका इनाम दिया। जून 2022 में खाली हो रही उत्तर प्रदेश की 11 राज्यसभा सीटों पर चुनाव हुए और सपा ने जयंत चौधरी को राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा।