- राजस्थान के झालावाड के भवानीमंडी में चल रहा है खेल, अधिकारी बने अनजान
- कोर्ट से जमीन पर लग चुका है स्टे, फिर भी चल रहा है उस जमीन पर काम
पोल टॉक नेटवर्क | जयपुर
झालावाड जिले की भवानीमंडी में अधिकारियों की मिलीभगत से वर्षों से एक व्यक्ति अपनी ही जमीन से दूर हो चुका है. जबकि उसपर कोर्ट का स्टे भी है. उसके बाद भी नियमों को दरकिनार करके भवन निर्माण का कार्य चल रहा है. जमीन के मालिक होने का दावा करने वाले गौरीशंकर मीणा (68) का आरोप है कि उनकी जमीन को मिलीभगत करके किसी को बेंच दिया गया. और उन्हें अब दर-दर भटकना पड़ रहा है. इसके लिए उन्होंने सैकड़ों बार अधिकारीयों से मदद मांगी और बात भी की लेकिन कुछ भी असरदार बात नहीं हुई. समय-समय पर अधिकारी अपनी बात करके मामले को निकाल देते थे. हद तो तब और हो जाती है जब कोर्ट से स्टे हो गया फिर भी उसी जमीन पर काम हो रहा है.
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गौरीशंकर मीणा लगातार परेशान होते रहे लेकिन उनकी जमीन पर काम चलता रहा. रोकने और टोकने वाला कोई नहीं रहा. गौरीशंकर बताते हैं कि इसमें कई बड़े लोगों का हाथ हैं. जिनकी शह पर सबकुछ हो रहा है. हमारी नहीं सुनी जा रही है. कोर्ट और अधिकारियों से उम्मीद है. मगर अधिकारी भी शांत रहते हैं और हमारी परेशानी बढती जा रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी !
रुकवाता हूँ काम…
जब इस मामले पर पचपहाड़ के तहसीलदार राजेंद्र मीणा से बात की तो उन्होंने कहा कि कुछ दिनों से हमारी तबियत ठीक नहीं है. इसलिए उन्होंने काम नहीं देखा. इसे रुकवा देने की बात कही. उन्हें यह मामला पूरी तरह से पता है.
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अभी काम रूक जायेगा…
इस मसले पर जब भवानीमंडी नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी शंभू दयाल मीणा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम इस पर रोक लगवा रहे हैं. यह मामला कोर्ट में है और हमें यह मामला हमारे संज्ञान में हैं.
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यह है पूरा मामला
गौरीशंकर का कहना है कि इनकी जमीन का मामला 1952 से चल रहा है. मगर परेशानी बढती गई लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने इस मसले पर सैकडों बार अधिकारियों से मुलाकात भी की है. कुछ दिन पहले गौरीशंकर ने ज्ञापन दिया था. जिसमें उन्होंने मामले का जिक्र किया है. जो इस प्रकार है. अजमेर के राजस्व विभाग द्वारा 11 अगस्त 2018 को स्थगन जारी किया था. जिसमें 11 अगस्त 2020 के पत्र द्वारा स्थगन 5 अक्टूबर 20 तक बढ़ा दिया. पूर्वर्ती उपखंड अधिकारी राकेश मीणा ने 3 अगस्त 2018 को खसरा नंबर 448 रकबा 5 बीघा 7 बिस्वा वाके भवानीमंडी, तहसील पचपहाड़ में परिवर्तित हुए हैं या नामांतरण दर्ज हुए हैं. उनको रकबा 5 बिस्वा तक निरस्त कर नामांतरण संख्या 194 निर्णय 10/ 02/1983 को संवत 2047 से 2050 के बीच की जमाबंदीओं में लगातार प्रार्थी गौरीशंकर के पिता व उनकी मृत्यु पर उनका नाम दर्ज किए जाने की आज्ञा दी थी. गौरीशंकर मीणा ने बताया कि 25 जून 2020 को वे नगरपालिका में इसी मामले को लेकर के गए थे वहीं इसी प्रकार की निर्माण तिथि नहीं देने की बात कही थी नगर पालिका द्वारा बोर्ड मीटिंग में खसरा नंबर बतायी.
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