- लखनऊ के बाल्मीकि रंगशाला गोमतीनगर में हुआ मंचन
- एक माह की ग्रीष्म कालीन बाल नाट्य कार्यशाला का आयोजन
पोल टॉक नेटवर्क | लखनऊ
लखनऊ (LUCKNOW) के बाल्मीकि रंगशाला गोमतीनगर (GOMATINAGER) में ‘जूलियस सीज़र’ (julius sizer) व ‘ऐसी कैसी डेमोक्रेसी’ (Aisi Kaisi democracy) नाटकों का मंचन किया गया. जो ‘फेवर फाउंडेशन’ व ‘पीएस 3’ संस्था द्वारा आयोजित थी. यह एक माह की ग्रीष्म कालीन बाल नाट्य कार्यशाला थी. नाटकों का विवरण कुछ इस प्रकार है.

जूलियस सीज़र
ये नाटक विलियम शेक्सपियर द्वारा लिखित एक त्रासदी नाटक है. रोम में बढती जा रही जूलियस सीज़र की लोकप्रियता से घबराकर उसके ही करीबी दोस्तों द्वारा उसकी हत्या कर दी जाती है. इस काम को अंजाम देते हैं कैसियस, ब्रूटस, कास्का और डैसियस नाम के अधिकारी व सैनिक. मरते मरते सीज़र, ब्रूटस के हाथ में जब अपने लिए खंजर देखता है तो कहता है की-

‘ब्रूटस तुम भी’ (brutus you too )
ब्रूटस आम जनता को बताता है की उसने सीज़र को क्यों मारा, जनता ब्रूटस के साथ हो जाती है लेकिन तभी सीज़र का दोस्त एंटनी आकर सीज़र की अच्छाई व जनता के प्रति उसकी सोच के बारे में बताता है अब जनता एंटनी के समर्थन में आ जाती है और ब्रूटस के प्रति विद्रोह शुरू कर देती है.

जिन लोगों ने सीज़र की हत्या की थी, वो सभी देश छोडकर भाग जाते हैं. इधर एंटनी उनसे बदला लेने के लिए निकलता है लेकिन कुछ दिनों बाद ही कैसियस और ब्रूटस अपनी ग़लती का एहसास करते हैं और वो आत्महत्या कर लेते हैं. एंटनी ब्रूटस की लाश पर आकर कहता है की तुमने रोम के उज्जवल भविष्य के लिए सीज़र को मारा था और अब खुद ही रोम को अकेला छोड़ कर चल दिए .
इस प्रकार नाटक का अंत होता है. आम जन जीवन में सबसे करीबी दोस्त द्वारा धोखा खाने पर बोली जाने वाली कहावत brutus you too ( “ब्रूटस तुम भी”) इसी नाटक से प्रचलित हुई थी.
पात्र परिचय
जूलियस सीज़र- अनुश्री
ब्रूटस- शिवा