सपा का गढ़ है कन्नौज लोकसभा सीट, देखिये कन्नौज लोकसभा सीट का इतिहास

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Kannauj loksabha seat history

उत्तर प्रदेश का कन्नौज इत्र के लिए देश ही दुनिया भर में पहचाना जाता है। इत्र के साथ ही साथ कन्नौज अपने आप में इतिहास भी समेटे हुए है। कन्नौज की लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश की वीवीआईपी सीटों में से एक सीट मानी जाती है। कन्नौज लोकसभा सीट से राम मनोहर लोहिया और मुलायम से लेकर अखिलेश यादव और डिंपल तक चुनाव लड़कर संसद का रास्ता तय किया है।

कन्नौज की आबादी और शिक्षा 

कन्नौज जिला 2093 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। कन्नौज की ज्यादातर आबादी ग्रामीण है जोकि खेती का कार्य करती है। कन्नौज में आलू की पैदावार अच्छी होती है। कन्नौज अपने इत्र के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यहां 200 से ज्यादा किस्म के इत्र आज भी पुरानी पद्धति से बनाये जाते है। कन्नौज में इत्र के साथ ही साथ तम्बाकू और गुलाब जल का काम भी होता  है।

2011 की जनगणना के अनुसार कन्नौज की आबादी 16,56,616 है, जिनमें पुरुषों की संख्या 8,81,776 जबकि महिलाओं की 7,74,840 है। कन्नौज की कुल 83.05 प्रतिशत आबादी हिन्दू और 16.54 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। कन्नौज की की साक्षरता दर 72.70 प्रतिशत है। पुरुषों की साक्षरता दर 80.91 प्रतिशत है जबकि महिलाओं की साक्षरता दर 63.33 प्रतिशत है। कन्नौज लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 18,08,886 लाख है जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,000,035 और महिला मतदाताओं की संख्या 808,799 है।

कन्नौज के जातीय समीकरण 

मुस्लिम- 16 फीसदी
यादव- करीब 16 फीसदी
ब्राह्मण- करीब 15 फीसदी
राजपूत- करीब 10 फीसदी
अन्य- 39 फीसदी

कन्नौज लोकसभा सीट का इतिहास 

कन्नौज क्षेत्र पहले फर्रूखाबाद लोकसभा सीट का हिस्सा हुआ करता था। कन्नौज लोकसभा पहली बार 1967 में सामने आयी। 1967 में हुए पहले चुनाव में समयुक्ता सोशलिस्ट पार्टी से कन्नौज लोकसभा सीट से डॉ राम मनोहर लोहिया पहले सांसद थे।  1971 के चुनाव में कांग्रेस के एस.एन.मिश्रा ने भारतीय जन संघ के राम प्रकाश त्रिपाठी को चालीस हज़ार से ज्यादा वोटो से हराकर बड़ी जीत दर्ज की। 1977 में राम प्रकाश त्रिपाठी भारतीय लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत दर्ज की। 1984 के चुनाव में कांग्रेस की शीला दीक्षित छोटे सिंह यादव को हराकर कन्नौज की पहली महिला सांसद बनी। 1989 और 1991 के चुनाव में जनता दल यहां से विजयी।भारतीय जनता पार्टी ने 1996 के चुनाव में कन्नौज लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी लेकिन उसके बाद से अब तक यहां बीजेपी जीत दर्ज नहीं कर पायी। कन्नौज लोकसभा सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है। ऐसा इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि 1998 से अब तक कन्नौज सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्ज़ा है।  1998 में सपा के टिकट पर प्रदीप कुमार यादव ने जीत दर्ज की तो वहीं 1999 में मुलायम सिंह यादव ने। 2000 में यहां उपचुनाव हुआ जिसमें अखिलेश यादव विजयी रहे। 2009 तक यहां अखिलेश यादव यहां के सांसद रहे। 2012 में हुए उपचुनाव में अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव निर्विरोध निर्वाचित हुई। 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद डिम्पल यादव ने जीत हासिल की। 2019 के लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी के सुब्रत पाठक ने जीत हासिल की।

कन्नौज लोकसभा सीट पर अब तक के सांसद 

लोकसभा वर्ष पार्टी नाम
चौथी 1967 सोशलिस्ट पार्टी राम मनोहर लोहिया
पांचवी 1971 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एस.एन.मिश्रा
छठीं 1977 लोकदल राम प्रकाश त्रिपाठी
सातवीं 1980 जे.एन.पी.(एस) छोटे सिंह यादव
आठवीं 1984 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस शीला दीक्षित
नौवीं 1989 जनता दल छोटे सिंह यादव
दसवीं 1991 जनता पार्टी छोटे सिंह यादव
ग्यारहवीं 1996 भारतीय जनता पार्टी चन्द्र भूषण सिंह
बारहवीं 1998 सपा प्रदीप कुमार यादव
तेरहवीं 1999 सपा मुलायम सिंह यादव
उपचुनाव 2000 सपा अखिलेश यादव
चौदहवीं 2004 सपा अखिलेश यादव
पंद्रहवीं 2009 सपा अखिलेश यादव
उपचुनाव 2012 सपा डिंपल यादव
सोलहवीं 2014 सपा डिंपल यादव
सत्रवीं 2019 भारतीय जनता पार्टी सुब्रत पाठक

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