- राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री है वसुंधरा राजे सिंधिया
- भाजपा सांसद दिया कुमारी को भाजपा ने बनाया गया प्रदेश महामंत्री
संतोष कुमार पाण्डेय | सम्पादक
राजस्थान में इनदिनों भाजपा विपक्ष में है. लेकिन सत्ता पक्ष पर संकट के बादल मंडरा रहे है. इसीबीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया चर्चा में आ गई है. उन्हें सफाई तक देना पड़ा कि वो 30 साल से भाजपा में निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही है. लेकिन अब नई कहानी सामने है. राजस्थान भाजपा ने एक अगस्त को अपनी कार्यकारणी घोषित कर दिया. जिसमें राजसमंद से भाजपा सांसद दिया कुमारी का नाम चर्चा में है. जयपुर से दिल्ली की दूरी भले अधिक न हो लेकिन इस समय राजस्थान की राजनीति लम्बी हो गई है. लगातार इनका प्रमोशन होता जा रहा है.
राजनीति के जानकार कह रहे है कि दिया कुमारी के हाथ भविष्य में कमान देने की तैयारी है. जिस तरीके से उनका नाम भाजपा की प्रदेश नेताओ की लिस्ट में नाम है. उससे तो यह अंदाजा लगाया जा रहा है मगर जानकार यह भी कह रहे है कि दिया कुमारी के लिए पहले से ही तैयारी हो रही है. उन्होंने भी यह साबित किया है. दो बार से लगातार चुनाव जीत रही है. अलग अलग सीटो से उन्होंने विधान सभा और लोकसभा का चुनाव जीता है. पहली बार राजस्थान भाजपा में किसी महिला को महामंत्री बनाया गया है.
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चार नाम में एक महिला
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने एक अगस्त को प्रदेश भाजपा कार्यकारणी की घोषणा कर दी है. जिनमें 8 प्रदेश उपाध्यक्ष और चार महामंत्री के नाम है. महामंत्री में दिया कुमारी अकेले महिला है. पहली बार दिया कुमारी को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिली है. यही बात तय कर रहा है कि अब आगे चलकर दिया कुमारी को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है.
वर्ष 2013 में भाजपा में हुईं थी शामिल
महज 7 साल में दिया कुमारी ने भाजपा में अपनी जगह बना लिया. पहले विधायक और अब सांसद हैं. विधान सभा का चुनाव इन्होने सवाई माधोपुर से जीता था. जहां से इन्होने बड़े मतों के अंतर से चुनाव जीत लिया था. हालांकि, वसुंधरा कैबिनेट में इन्हें जगह नहीं मिली. लेकिन ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ की राजस्थान की ब्रांड अम्बेसडर बनाई गई थीं.
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राजे से हुआ था तनाव
भाजपा की सरकार थी इसी बीच दिया कुमारी और वसुंधरा में ठन गई. दिया की मां ने इसके खिलाफ जयपुर में आन्दोलन चलाया था. किसी तरीके से मामला शांत हुआ था. तभी से दिया कुमारी चर्चा में है. और अब नई जिम्मेदारी भविष्य के लिए संकेत कर रही है.
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लाखों वोटों से मिली जीत
वसुन्धरा भी पहली बार सांसद बनीं थी. 5 बार सांसद रहने के बाद उन्होंने 2003 में विधान सभा का चुनाव लड़ा था. और उसी बार उन्हें राजस्थान का सीएम बना दिया गया था. मगर दिया कुमारी इस बार लोकसभा के चुनाव में 5,51,916 वोटों से इन्हें जीत मिली थी.