- उत्तर प्रदेश में लक्ष्मीकांत बाजपेई के पास नहीं है कोई जिम्मेदारी, रह चुके हैं कई बार विधायक
- नरेश चंद्र अग्रवाल ने सपा छोडकर किया था भाजपा ज्वाइन, अभी हैं खाली
संतोष कुमार पाण्डेय | सम्पादक
पहले कलराज मिश्रा (kalraj mishra) और अब मनोज सिन्हा (manoj sinha) को बड़ी और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई. ये दोनों नेता एक ही जिले से आते हैं और भाजपा के दिग्गज नेता हैं. मंत्री और सांसद भी रहे. इनके बाद दो नाम और चर्चा में हैं. पहला नाम है पूर्व भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई (laxmikant Bajpai) और दुसरे हैं नरेश चंद्र अग्रवाल (Naresh Chandra Agrawal) . सूत्र बता रहे है कि इन्हें भी जल्द बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी, लेकिन अभी समय तय नहीं हो पाया है. दरअसल, ये दोनों नाम लगभग दो साल से चर्चा में है. इन्हें न तो प्रदेश में कोई जिम्मेदारी मिली और न ही केंद्र. आइये जानते हैं कौन हैं ये दोनों और इनका वजूद क्या है ?
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लक्ष्मीकांत बाजपेई…एक चुनाव हार गये
लक्ष्मीकांत बाजपेई मेरठ के दिग्गज भाजपा नेता है. लगातार कई बार विधायक रहे. भाजपा के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष रहे ब्राह्मण चेहरे के रूप में ये यूपी भाजपा में काम करते रहे. मगर एक चुनाव वर्ष 2017 में हार गये. यहीं से इन्हें लगभग 3 साल से इन्तजार के लिए रख दिया गया. जबकि इनकी उम्र अभी 70 साल नहीं हुई है. लेकिन अब इनके समर्थकों में इनके लिए मांग बढ़ गई है.
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— Dr. Laxmikant Bajpai (@LKBajpaiBJP) August 5, 2020
नरेश चंद्र अग्रवाल…कई दलों में रहा इनका दिल
हरदोई के दिग्गज नेता और लगातार 7 बार विधायक रहे नरेश चन्द्र अग्रवाल. कई दलों में इनका दिल रहा है. कांग्रेस से विधायक बने. सपा और बसपा में सांसद रहे. लेकिन अब कुछ नहीं है. इन्होने सपा में राज्यसभा सांसद रहते हुए इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन कर लिया था. इन्हें भी उम्मीद है कि फागू चौहान की तरह कोई बड़ी जिम्मेदारी भाजपा की सरकार देगी. या फिर इन्हें राज्यसभा के लिए भेज दिया जाय. इनके बेटे नीतिन अग्रवाल सपा से विधायक हैं.
राज्यसभा और राज्यपाल की उम्मीद
लक्ष्मीकांत बाजपेई को जानने वाले बताते है कि उन्हें कोई लालच नहीं है. लेकिन खाली बैठने का मलाल है. मोदी सरकार इन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है. इन्हें या तो राज्यपाल या राज्यसभा भेज सकती है. सोशल मीडिया पर बाजपेई खूब सक्रिय रहते हैं. लगातार योगी और मोदी सरकार की तारीफ करते रहते हैं. सब कुछ सकारात्मक रहते हैं.
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नरेश चंद्र अग्रवाल के बारे में भी ऐसी ही सूचना है कि उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है. उन्हें भी खाली रखना भाजपा के लिए नुकसान है. सूत्रों की माने तो उन्हें भी जल्द बड़ी भूमिका में रखा जाएगा.