- लक्ष्मीकांत वाजपेयी रहें हैं यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष
- लक्ष्मीकांत वाजपेयी को बीजेपी भेजेगी राज्यसभा
पोलटॉक नेटवर्क | लखनऊ /आदित्य कुमार
Rajya Sabha Elections: भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के वरिष्ठ नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी (Laxmikant Vajpayee) को पार्टी बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) लक्ष्मीकांत वाजपेयी को पार्टी राज्यसभा भेज सकती है। बता दे भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद से लक्ष्मीकांत वाजपेयी (Laxmikant Vajpayee) को पार्टी में कोई बड़ा पद नहीं मिला। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी लक्ष्मीकांत वाजपेयी को राज्यसभा भेज सकती है। आईये जानते हैं कौन हैं लक्ष्मीकांत वाजपेयी और कैसा रहा है इनका अब तक का राजनीतिक सफर।
कौन हैं लक्ष्मीकांत वाजपेयी ?
लक्ष्मीकांत वाजपेयी (Laxmikant Vajpayee) का जन्म मेरठ में हुआ था। डॉक्टर लक्ष्मीकांत ने मेरठ कॉलेज से बीएससी करके हरिद्वार के आयुर्वेदिक कालेज से बीएएमएस की डिग्री हासिल की है। लक्ष्मीकांत वाजपेयी की राजनीतिक यात्रा के बारे में बात की जाये तो डॉक्टर लक्ष्मीकांत कालेज के दिनों से ही स्टूडेंट के हित में राजनीति करते आ रहे है। वे कालेज के दिनों में छात्र संघ के महासचिव रहे है। वह मात्र 14 साल की उम्र में जनसंघ से जुड़ गए थे। उन्हें 1977 में जनता पार्टी के युवा विंग का अध्यक्ष बनाया गया था। लक्ष्मीकांत वाजपेयी को बीजेपी ने 1980 में मेरठ बीजेपी का जनरल सेक्रेटरी बनाया। बीजेपी ने इसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा का उपाध्यक्ष चुना।
विधायक से मंत्री तक
लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने 1989 में वह मेरठ की शहर सीट से पहली बार चुनाव जीते। उन्होंने 1989 में मेरठ शहर सीट से विधानसभा का चुनाव जीता। लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने 1993 का चुनाव भी लड़ा लेकिन उनके हाथ निराशा लगी। लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने 1996 के चुनाव में जीत हासिल की और 997 में मायावती की अगुवाई वाली मिलीजुली सरकार में पशुधन विकास मंत्री भी बनाए गए। 2002 में फिर एमएलए बने और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे। 2007 के विधानसभा चुनाव में लक्ष्मीकांत को हार झेलनी पड़ी। जबकि 2012 में वह फिर से एमएलए चुने गए।
प्रदेश अध्यक्ष बन बीजेपी को दिलाई बड़ी जीत
लक्ष्मीकांत वाजपेयी को 2012 में भाजपा का उत्तर प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। लक्ष्मीकांत वाजपेयी 2016 तक यूपी के अध्यक्ष रहे। लक्ष्मीकांत वाजपेयी के यूपी अध्यक्ष रहते हुए प्रदेश में बीजेपी को काफी मजबूती मिली। उनके यूपी अध्यक्ष रहते हुए ही लोकसभा चुनाव में भाजपा को यूपी में सबसे बड़ी जीत हासिल हुई थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 71 सीटों पर जीत दिलाई जबकि कुल 73 सीटों पर जीत मिली। 2017 के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की लहर के बाद भी मेरठ शहर विधानसभा सीट से वह सपा के रफीक अंसारी से चुनाव से हार गए।
अब एक बार फिर से लक्ष्मीकांत वाजपेयी का नाम चर्चा में है। चर्चा में होने के पीछे वजह है उत्तर प्रदेश की 11 सीटों पर राज्यसभा चुनाव। ऐसा तय माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी लक्ष्मीकांत वाजपेयी को 2022 में राज्यसभा भेजेगी।