- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में बाड़मेर है पहले स्थान पर
- लोहारवा के प्रिंसिपल मनोज गुप्ता ने बताई पूरी कहानी
संतोष कुमार पाण्डेय | सम्पादक
सरकारी स्कूल की खामियां और अच्छाई दोनों समय-समय पर देखने को मिलती हैं. मगर, अच्छाई बहुत कम लोग देख पाते हैं. आइये आपको इसबार राजस्थान के 12वीं के राज्य टॉपर प्रकाश के सफल होने की पूरी कहानी बताते हैं. जो सरकारी स्कूल से ही लिखी गई है. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से मंगलवार को परिणाम घोषित किये गये थे. जिसमें 99.2% के साथ लोहारवा धोरीमना बाड़मेर स्कूल में पढ़ रहे प्रकाश ने टॉप कर दिया. चर्चा में आने की वजह पहली बार बाड़मेर से कोई स्टूडेंट टॉप किया था. वो भी सरकारी स्कूल में पढ़ाई कर रहा था. लोहारवा, धोरीमना बाड़मेर स्कूल के प्रिंसिपल मनोज गुप्ता ने पोलटॉक से ख़ास बातचीत में बताया कि ऐसा परिणाम लाना कड़ी मेहनत का असर है. उन्होंने बताया कि जब 2019 में स्कूल जॉइन किया था तब स्कूल के पास कोई खास उपलब्धि नहीं थी. अपनी नेतृत्व क्षमता, कुशल प्रबंधन और दूरदर्शिता कड़ी मेहनत के द्वारा यह हो पाया है.
मनोज बताते है कि रेंडम सेंपलिंग के द्वारा 12वीं बोर्ड की अनिवार्य हिंदी परीक्षा में बच्चों से कड़ी मेहनत करवाई. इस बार शतप्रतिशत परिणाम देने के लिए ठान लिया था. स्कूल में 12 वीं में कुल 78 स्टूडेंट थे जिनमें से सभी पास हो गए. 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले दो छात्र हैं. 80 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले 5 छात्र हैं और 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले 7 छात्र हैं. प्रथम श्रेणी में कुल 34 बच्चे, द्वितीय श्रेणी में कुल 30 बच्चे और तृतीय श्रेणी में कुल 14 बच्चे पास हुए हैं.
मनोज गुप्ता ने लोहारवा स्कूल में प्रिंसिपल के रूप में 18 अक्टूबर 2019 को ज्वाइन किया. और तभी से स्कूल के बच्चों को आगे ले जाने और बेहतर परिणाम देने की बात ठान लिया था. जिसका नतीजा है कि यह सब हो पाया है. मनोज बताते हैं कि दृढइच्छा शक्ति का यह परिणाम है. और बच्चों ने भी मेहनत खूब की है. तभी यह सब सम्भव होता है.