- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ”लव जिहाद” के मुद्दे पर दिये गए बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
- अनुचित दबाव डालकर ”धर्म परिवर्तन” करना कहां तक न्यायोचित : राजेन्द्र राठौड़
पोलटॉक नेटवर्क | जयपुर
लव जिहाद (love jihad) का मुद्दा अब राजस्थान (rajasthan) में भी छाने लगा है. सत्तापक्ष और विपक्ष इस मुद्दे को लेकर आमने सामने है. इसी कड़ी में आज राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने वक्तव्य जारी कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ”लव जिहाद” के मुद्दे पर दिये गए बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसे वोटबैंक की राजनीति से प्रेरित व राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए सैकड़ों लोगों के दर्द की अनदेखी बताया है।
राठौड़ ने कहा कि बीजेपी शासित अन्य प्रदेशों के इस साहसिक कदम से सीख लेते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लव जिहाद की पैरवी नहीं करते हुए प्रेम व विवाह के नाम पर जबरन धर्मांतरण की घटनाओं पर कानून बनाकर तुरंत रोक लगानी चाहिए और ऐसे कृत्यों को अंजाम देने वाले गुनहगारों को सख्त सजा दी जानी चाहिए।
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राठौड़ ने कहा कि विगत 10-15 वर्षों में लव जिहाद के सैकड़ों केस देश के विभिन्न हिस्सों में सामने आ चुके हैं, जिनमें समुदाय विशेष के युवक किसी अन्य धर्म की युवती को अपने प्रेम जाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन को मजबूर करते हैं और शादी के बाद विभिन्न तरह से प्रताड़ित करते हैं। राठौड़ ने कहा कि केरल, कर्नाटक, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित अन्य राज्यों में लव जिहाद के ज्यादातर केस सामने आ चुके हैं। राजस्थान में उदयपुर, राजसमंद, अजमेर, अलवर, जोधपुर व जयपुर में कई ऐसे मामले संज्ञान में आ चुके हैं जिनमें समुदाय विशेष के युवकों द्वारा स्वयं का धर्म छिपाते हुए युवती को धर्म परिवर्तन कर निकाह करने का अनुचित दबाव बनाया गया।
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राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में लव जिहाद के लगातार मामले सामने आ रहे हैं लेकिन प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत इन मामलों पर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछा है कि युवती को विवाह हेतु धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करना क्या उसके व्यक्तिगत स्वतंत्रता को छीनने जैसा नहीं है ?
राठौड़ ने कहा कि विवाह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है लेकिन इसके लिए किसी युवती को बलपूर्वक, डरा-धमकाकर या अनुचित दबाव डालकर ”धर्म परिवर्तन” करना कहां तक न्यायोचित है ?
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राठौड़ ने कहा कि लव जिहाद को लेकर अपने सांप्रदायिक एजेंडे का पालन करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दिया ये बयान उन नाबालिगों व युवतियों के हितों के साथ कुठराघात है जिनका जिंदगी समुदाय विशेष के युवकों द्वारा षड्यंत्रपूर्वक व सोची-समझी साजिश के तहत कुचली जाती है और उन्हें अपना शिकार बनाया जाता है।
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राठौड़ ने कहा कि वर्तमान में अनेकों ऐसे मामले सामने आये हैं जिनमें समुदाय विशेष के युवकों द्वारा किसी विशेष उद्देश्य के तहत अपना धर्म छिपाकर युवती को बहला-फुसलाकर अपने प्रेम के जाल में फंसाया जाता है और विवाह के लिए मजबूर कर उन्हें बाद में अनैतिक गतिविधियों में धकेला जाता है और कई बार हत्या भी कर दी जाती है।
राठौड़ ने कहा कि भारतीय लड़कियों व युवतियों को लव जिहाद के कुचक्र में नहीं फंसने देने और उनकी जिंदगी की सुरक्षा करने की दिशा में भारतीय जनता पार्टी का उठाया हर कदम व निर्णय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गलत लगता है . राठौड़ ने कहा कि अगर कोई किसी युवती को शारीरिक संबंध बनाने के लिए फुसलाता है, तो उसे शादी करने के लिए अपनी पहचान बदलने व जबरन धर्मांतरण के लिए मजबूर करता है तो इसे प्यार की संज्ञा नहीं दी जा सकती है।