- मधुबनी में तीन नवंबर को चार विस सीटों पर दूसरे चरण का मतदान हुआ
- मधुबनी, झंझारपुर, राजनगर और फुलपरास विस सीटों पर कडा मुकाबला
पोलटॉक के लिए सच्चिदानंद सच्चू की ग्राउंड रिपोर्ट
मधुबनी में तीन नवंबर को चार विस सीटों पर दूसरे चरण का मतदान हुआ. मधुबनी, झंझारपुर, राजनगर और फुलपरास विस सीटों के लिए सुबह सात बजे से मतदान शुरू हुआ. कोरोना काल में हो रहे मतदान में यद्यपि खौफ का माहौल तो नजर नहीं आया लेकिन वोटर उतने उत्साहित भी नजर नहीं आये. मतदान केंद्रों पर सुबह में थोड़ी भीड़ जरूर नजर आयी लेकिन दिन चढ़ने के साथ – साथ यह भीड़ पतली होती गयी. दोपहर तक मतदान केंद्रों पर इक्के – दुक्के लोग ही नजर आये. शाम को फिर एक बार वोटरों में उत्साह नजर आया. शाम चार बजे तक लगभग 51 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
मधुबनी में समीर और सुमन महासेठ के बीच दिखा कड़ा मुकाबला
मधुबनी विधानसभा क्षेत्र में शाम चार बजे तक लगभग 50 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. यहां नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के बाद माना जा रहा था कि वोट कई खेमों में बंट सकता है लेकिन मतदान के दिन यहां आरपार की लड़ाई नजर आयी. वोटरों का एक वर्ग राजद प्रत्याशी समीर कुमार महासेठ के समर्थन में था तो दूसरा वर्ग एनडीए की ओर से वीआईपी उम्मीदवार सुमन कुमार महासेठ के समर्थन में था. यहां पहले और दूसरे नंबर पर इन्हीं प्रत्याशियों के रहने की उम्मीद है.
राजनगर में भाजपा और राजद में दिखी आरपार की लड़ाई
राजनगर विस क्षेत्र में यही स्थिति नजर आयी. यहां शाम चार बजे तक लगभग 52 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. यहां पहले से ही भाजपा प्रत्याशी रामप्रीत पासवान और राजद प्रत्याशी राम अवतार पासवान के बीच मुकाबला नजर आ रहा था. यहां वोटिंग के दिन तक यह स्थिति बरकरार रही. अब लोगों को मतगणना का इंतजार है.
झंझारपुर में भाजपा और भाकपा के बीच दिखा कड़ा मुकाबला
झंझारपुर में लगभग 53 फीसदी मतदाताओं ने वोटिंग की. यहां पर भाजपा की ओर से नीतीश मिश्र चुनाव मैदान में थे तो महागठबंधन की ओर से भाकपा प्रत्याशी रामकुमार यादव थे. रालोसपा सहित अन्य दलीय और निर्दलीय नेताओं की इंट्री ने इस सीट को दिलचस्प बना दिया था. माना जा रहा था कि यहां मतदाता कई हिस्सों में बंट जायेंगे. जिस कारण यहां हार – जीत का गुणाभाग बेहद कठिन हो गया था. लेकिन मतदान के दिन यहां सभी कयासों का पटाक्षेप होता नजर आया. मतदान के दिन यहां मुकाबला भाकपा प्रत्याशी रामकुमार यादव और भाजपा प्रत्याशी नीतीश मिश्र के बीच ही दिखा.
…और फुलपरास में रात होते ही मंत्रीजी ने कर दिया जादू
फुलपरास में लगभग 51 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया. यहां महागठबंधन की ओर से कांग्रेस प्रत्याशी कृपानाथ पाठक चुनाव मैदान में थे तो जदयू की ओर से शीला कुमारी और एलजेपी की ओर से विनोद सिंह चुनाव मैदान में थे. नामांकन के बाद से जदयू प्रत्याशी शीला कुमारी की स्थिति अच्छी नहीं दिख रही थी. माना जा रहा था कि कांग्रेस के कृपानाथ पाठक और विनोद सिंह के बीच हार – जीत होगी. यह स्थिति दो नवंबर की शाम तक बरकरार रही. लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि जलसंसाधन मंत्री संजय झा ने रात को जादू चलाया और सुबह – सुबह होते – होते स्थिति बदल गयी. शीला कुमारी जो रेस से बाहर नजर आ रही थीं, अचानक रेस में आ गयीं. अब यह माना जा रहा है कि कृपानाथ पाठक और शीला कुमारी यहां पहले – दूसरे नंबर पर रह सकते हैं.