देश की की राजनीति में राजनेता मनोज सिन्हा का बड़ा नाम है। मनोज सिन्हा पहले उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से सांसद रहे फिर पीएम मोदी की कैबिनेट मंत्री बने, रेल राज्य मंत्री बने और फिर मनोज सिन्हा को जम्मू कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया। इस लेख में हम मनोज सिन्हा के राजनीतिक सफर हुआ कुछ अन्य पहलुओं के बारे में जानेंगे।
कौन है मनोज सिन्हा
मनोज सिन्हा का जन्म 1 जुलाई 1959 को देश के गाजीपुर जिले के मोहनपुरा स्थान पर हुआ था। मनोज सिन्हा के पिता का नाम वीरेंद्र कुमार सिन्हा है और उनकी माता का नाम वृंदा वासिनी देवी है। मनोज सिन्हा ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और फिर एमटेक किया। मनोज सिन्हा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय विद्यार्थी संघ के अध्यक्ष भी बने। मनोज सिन्हा का विवाह 8 मई 1977 में नीलम सिन्हा से हुआ। इनकी पत्नी बिहार के नालंदा जिले से आने वाले बिहार शरीफ की है। मनोज सिन्हा के एक बेटा और एक बेटी है।
मनोज सिन्हा का राजनीतिक सफर
मनोज सिन्हा ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र जीवन से ही की थी। मनोज सिन्हा जब बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से बीटेक की पढ़ाई कर रहे थे तभी उन्होंने बीएचयू छात्र संघ चुनाव जीता और वहां के अध्यक्ष बने। छात्र जीवन से शुरू हुई राजनीति में के बाद मनोज सिन्हा राजनीति की मुख्यधारा में आ गए। 1996 में वह पहली बार लोकसभा सदस्य चुने गए इसके बाद उन्होंने लगातार दूसरी बार 1999 में लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की। मनोज सिन्हा 1989 से लेकर 1996 तक भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मनोज सिन्हा ने तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता और वह केंद्र में रेल राज्य मंत्री बने हालांकि बाद में उन्हें संचार मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार भी सौंपा गया था। साल 2016 में रेल राज्य मंत्री का कार्यभार संभाल रहे मनोज सिन्हा को टेलीकॉम मिनिस्ट्री भी मिली इन्हें रविशंकर प्रसाद की जगह टेलीकॉम मिनिस्ट्री सौंपी गई थी। मनोज सिन्हा 2019 में एक बार फिर से गाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
छात्र जीवन से राजनीति शुरू करने वाले मनोज सिन्हा को 2020 में जम्मू कश्मीर का उप राज्यपाल नियुक्त किया गया मनोज सिन्हा गिरीश चंद्र मुर्मू के इस्तीफे के बाद जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल नियुक्त किए गए।