BIHAR VIDHAN SABHA CHUNAV 2020 : मिथिलांचल में ये तीन मुस्लिम चेहरे हैं ‘किंगमेकर’

बिहार विधान सभा चुनाव में मिथिलांचल की भूमिका बहुत निर्णायक हो जाती है. मिथिलांचल के तीन मुस्लिम नेता ऐसे हैं जो हर चुनाव में किंगमेकर की भूमिका में दिखने लगते हैं. इस बार भी वो चर्चा में हैं. पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहम्मद अली असरफ फातमी और पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद हमेशा से मुस्लिम वोटर्स में किंगमेकर की भूमिका में रहे.

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LALU-NITISH
LALU-NITISH.

  • कई बार जीत चुके हैं चुनाव और रह चुके हैं मंत्री
  • राजद और कांग्रेस के लिए हैं बहुत फायदेमंद

संतोष कुमार पाण्डेय | सम्पादक

बिहार विधान सभा चुनाव (BIHAR VIDHANSABHA CHUNAV 2020) में मिथिलांचल की भूमिका बहुत निर्णायक हो जाती है. मिथिलांचल के तीन मुस्लिम नेता ऐसे हैं जो हर चुनाव में किंगमेकर की भूमिका में दिखने लगते हैं. इस बार भी वो चर्चा में हैं. पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहम्मद अली असरफ फातमी और पूर्व केंद्रीय मंत्री
शकील अहमद हमेशा से मुस्लिम वोटर्स में किंगमेकर की भूमिका में रहे.

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अब्दुल बारी सिद्दीकी दरभंगा निवासी है. दरभंगा की अलीनगर विधान सभा सीट से राजद के विधायक है. अलीनगर सीट से लगातार दो बार से चुनाव जीत रहे हैं. लालू प्रसाद यादव के बहुत ख़ास बताये जाते हैं. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इन्होने राजद के टिकेट पर चुनाव लड़ा था. मगर इन्हें बड़ी हार मिली थी. 318689 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे. राजद  (RJD) और जदयू (JDU) की गठ्बन्धन की सरकार में वित्त मंत्री थे. दरभंगा और मधुबनी के मुस्लिम वोटर्स के अलावा अन्य जातियों में भी सेंध लगा देते हैं. खासकर, कुछ ब्राह्मण वोटर्स भी इनके साथ रहते हैं. वर्ष 2019 के लोक सभा चुनाव में इनका विरोध हुआ फिर भी राजद ने इन्हें चुनाव मैदान में उतार दिया. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में इन्होने मधुबनी से चुनाव लड़ा था लेकिन हार मिली. इस बार भी इनकी भूमिका अहम रहेगी.

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शकील अहमद कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं. मधुबनी लोकसभा सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं. बिहार की राबड़ी देवी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे. तीन बार विधायक रहे. इनके दादा और पिता भी कई बार विधायक रहे. शकील अहमद मनमोहन की सरकार में केन्द्रीय मंत्री रहे. कांग्रेस के टिकेट पर वर्ष 1998 और 2004 में लोकसभा का चुनाव जीते. कांग्रेस में शकील अहमद का वजूद बड़ा रहा. लेकिन वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मधुबनी लोकसभा सीट महागठबंधन के आरजेडी खाते में चली गई. शकील अहमद ने कांग्रेस से बगावत कर दी और इन्हें कांग्रेस ने पार्टी से निकाल दिया. मगर अभी कुछ दिन पहले इनका निलंबन निरस्त कर दिया. अब फिर कांग्रेस की कमान सम्भाल रहे हैं.

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मोहम्मद असरफ अली फातमी मिथिलांचल के दिग्गज नेता है. चार बार दरभंगा से सांसद रहे. जनता दल से दो बार लगातार और दो बार राजद के टिकेट पर चुनाव जीते. वर्ष 1991, 96, 98 और वर्ष 2004 में इन्होने राजद के टिकेट पर चुनाव जीत लिया था. असरफ अली ने वर्ष 2019 के चुनाव में राजद से टिकेट न मिलने पर बगावत कर दिया था . और जदयू (JDU ) ज्वाइन कर लिया. वर्ष 2004 में राजद के इन्हें मनमोहन सिंह (MAN MOHAN SINGH) की सरकार में मंत्री के लिए आगे किया था. इन्हें मानव संसाधन राज्य मंत्री बनाया गया था. वर्ष २००९ और 14 के लोकसभा चुनाव में इन्हें हार मिली थी. इनके बेटे डॉ फ़राज़ फातमी केवटी विधान सभा सीट से विधायक हैं.


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