- 19 साल तक कांग्रेस में और अब भाजपा में चले गये
- बड़ी जिम्मेदारी दोनों जगह नहीं मिल पाई है
पोल टॉक नेटवर्क | भोपाल
ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) राहुल गाँधी टीम के सबसे अहम कड़ी रहे लेकिन अचानक कांग्रेस से बाहर हुए. मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरी और सिंधिया बाहर हुए. 19 साल कांग्रेस में रहने के बाद भाजपा की तरफ आ गये. वर्तमान समय में भाजपा में राज्यसभा सदस्य है. आइये जानते हैं उनकी पूरी कहानी. ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया 2014 तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह प्रशासन के कैबिनेट में स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। सन् 2001 से 2019 तक लगातार चार बार लोकसभा के सांसद सदस्य रहे। ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्म 1 जनवरी 1971 में मुंबई में हुआ।
ज्योतिरादित्य (Jyotiraditya Scindia) सिंधिया परिवार से संबंध रखते हैं जो कि एक समय ग्वालियर में शासन करते हैं और गुनाह निर्वाचन क्षेत्र के सांसद के रूप में सेवारत हैं। ज्योतिरादित्य को सन 2002 में वित्त संबंधी स्थाई समिति और विदेश मामलों की स्थाई समिति में सदस्य चुना गया उसके बाद इसी साल इनको उपचुनाव में 13वीं लोकसभा के लिए चुना गया।
सन् 2004 में ज्योतिरादित्य (Jyotiraditya Scindia) को याचिका संबंधी समिति प्राक्कलन समिति रक्षा संबंधी स्थायी समिति और वित्त संबंधी स्थायी समिति का सदस्य बनाया गया। बीजेपी के हरि बल्लभ शुक्ला को हराकर सन् 2004 में ज्योतिरादित्य को 14वी बार लोकसभा के लिए चुना गया। सन् 2008 में ज्योतिरादित्य को संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का राज्य मंत्री नियुक्त किया गया। सन् 2009 में 15वीं लोकसभा में गुना ने अपनी जिम्मेदारी को बरकरार रखा, और उसके बाद उन्हें 2009 में केंद्रीय राज्य मंत्री, वाणिज्य और उद्योग और 2012 में केंद्रीय राज्य मंत्री और ऊर्जा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।
साल 2014 में उनको विशेष अधिकार पर समिति, वित्त संबंधी स्थायी समिति और सलाहकार समिति में गृह मंत्रालय का सदस्य बनाया गया और इसी साल सन् 2014 में सिंधिया 16वीं लोकसभा के लिए चुने गए जहां उन्होंने बीजेपी के जयभान सिंह पवैया को एक लाख से ज्यादा मतों के अंतराल पर हराया । 11 मार्च,2020 को ज्योतिरादित्य ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली और कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।