- शोभा सिकरवार 28,805 मतों से जीत गई चुनाव, भाजपा की सुमन हार गई
- चुनाव जीतने वाली शोभा के पति हैं कांग्रेस के विधायक
पोल टॉक नेटवर्क | भोपाल
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Urban Body Election 2022) में हुए निकाय चुनाव में भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ है. ग्वालियर (Gwalior) और सिंगरौली (singrauli mayor) में जिस तरीके से भाजपा हारी है उसी पर सवाल होने लगे हैं. खासकर ग्वालियर में भाजपा की 57 साल बाद हार हुई है। आइये जानते हैं क्या है इसके पीछे की वजह। ग्वालियर नगर निगम (gwalior nagar nigam chunav) के 57 साल के इतिहास में पहली बार बदलाव की लहर चली है। भाजपा को अजेय महापौर सीट (Gwalior Mayor ) पर पराजय का सामना करना पड़ रहा है।
कांग्रेस के सिर पर महापौर का ताज सजता हुआ नजर आ रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर दोनों ग्वालियर से हैं. दोनों केंद्र में मंत्री हैं। और कहा जा रहा है इनकी आपस की रार में यह सब हुआ है। ऐसे में ये सारी बातें हो रही है। भाजपा को नगर के मतदाताओं पर इतना भरोसा था कि उन्हें केवल कमल चुनाव चिन्ह के अलावा कोई दूसरा चुनाव चिन्ह नजर नही आता है। उम्मीदवार का चेहरा उसका व्यक्तित्व कोई मायने नहीं रखता है। भाजपा का यही आत्मविश्वास उस पर भारी पड़ गया। लेकिन देखिये क्यों मिली भाजपा को बड़ी हार.
कांग्रेस की महापौर उम्मीदवार शोभा सिकरवार ने भाजपा की सुमन शर्मा को 28 हजार 805 मतों से हराया है। तीसरे स्थान पर आम आदमी पार्टी की रुचि गुप्ता रहीं। रुचि गुप्ता को 45 हजार 762 वोट मिले। इसके साथ ही हुए ग्वालियर नगर निगम के 66 वार्डो के चुनाव में सर्वाधिक 34 पार्षद भाजपा के जीते हैं। कांग्रेस के 25 पार्षदों को विजयश्री मिली। छह सीटों पर निर्दलीय और एक सीट बसपा का उम्मीवार जीता है। राजनीतिक जानकारों की माने तो आने वाले विधान सभा के चुनाव में इन परिणामों का असर पड़ेगा।