
महाराष्ट्र के मुंबई के पालघर की घटना का वीडियो जिसने भी देखा है उसके होश उड़ गए हैं. यह बहुत दुखद है. मुंबई से 115 किमी की दूरी इस शहर की है. कई सारे सवाल इस घटना को लेकर उठ रहे हैं. जैसे सैकड़ों लोग वहां पर कैसे आ गए ? पुलिस जब मौजूद थी तो उन तीनों की हत्या कैसे हुई? इतना ही नहीं क्या वो तीनों बिना परिमिशन के सूरत जा रहे थे ? मगर इनसब के बीच बस एक सवाल सबसे बड़ा है कि उन तीनों को बचाया क्यों नहीं गया ? पुलिस के सामने ही सब कुछ हो गया. पुलिस के इस रवैये पर लोगों में घोर निराशा है.
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ये है घटना
16 अप्रैल को पंचदशनाम जून अखाड़े के संत कल्पवृक्ष गिरी (70), सुशील गिरी (35) व कार का ड्राइवर निलेश तेलगड़े के साथ ये लोग सूरत जा रहे थे. क्योंकि इनके गुरू श्री महंत रामगिरी की अचानक मौत हो गई थी. उनके अंतिम संस्कार में ये लोग जा रहे थे. पालघर के कासा थाने के गढ़चिंचले के पास सैकड़ों लोग मौजूद थे. सभी ग्रामीणों ने हमला बोल दिया है. जिसमें इन तीनों की मौत हो गई.
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महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने की जाँच की मांग
पालघर की घटना का वीडियो लोगों को दुखी कर दे रहा है. जिसे लेकर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि पालघर की घटना मॉब लिंचिंग है. बहुत ही अमानवीय घटना है. उन्होंने राज्य सरकार से कहा है कि तुरंत इस मामले पर उच्च स्तरीय जांच बैठानी चाहिए. दोषियों पर तुरंत कारवाई होनी चाहिए.
Seeing the visuals that have come out, Palghar incident of mob lynching is shocking & inhuman.
It is more disturbing especially when we are going through such tough times otherwise too.
I urge the State Government to immediately set up a High Level Enquiry and…
(1/2)— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) April 19, 2020
moblynching और police दोनों ट्वीटर पर ट्रेंड में है. लोग महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ बातें लिख रहे हैं. लोगों में इस घटना को लेकर गुस्सा है. अखाड़ा परिषद भी इस घटना को लेकर आंदोलित है. निष्पक्ष जाँच न होने पर महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आन्दोलन की चेतावनी दी है. इस तरह की घटनाओं की घोर नींदा होनी चाहिये.