नेपाल और उत्तराखंड से सटा हुआ पीलीभीत उत्तर प्रदेश का खूबसूरत जिला है। पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र को बांसुरी नगरी भी कहते हैं, क्योंकि यहाँ देश भर में बनने वाली कुल बांसुरियों में लगभग 95% बांसुरी यहीं पर बनती है। इसके साथ ही राजनीति में पीलीभीत गाँधी परिवार के गढ़ के लिए भी जाना जाता है। वह अलग बात कि यहाँ से कांग्रेस पार्टी ने ज्यादा राज नहीं किया है। पीलीभीत में गाँधी परिवार की बहु लेकिन कांग्रेस की विरोधी मेनका गांधी बीते तीन दशक से दबदबा है। वर्तमान में पीलीभीत से मेनका गाँधी के बीते वरुण गाँधी बीजेपी से सांसद हैं।
पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र के मतदाता
पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र में हिन्दू वोटरों के साथ साथ मुस्लिम मतदाताओं का खासा प्रभाव है। पीलीभीत लोकसभा सीट पर 30 प्रतिशत के आस पास मुस्लिम वोटर हैं। पीलीभीत लोकसभा सीट पर कुल 17,58,509 मतदाता हैं जिनमें से महिला मतदाताओं की संख्या 8,11,971 है। वहीं पुरुष मतदाताओं की संख्या 9,46,463 है।
पीलीभीत लोकसभा सीट का इतिहास
पीलीभीत लोकसभा सीट पर पहली बार 1952 में चुनाव हुए थे। पहले चुनाव में कांग्रेस पार्टी के मुकुंद लाल अगरवाल ने जीत हासिल की। उसके बाद 1957 से लेकर 1967 तक प्रजा सोशलिस्ट पार्टी मोहन स्वरुप तीन बार सांसद चुने गए। 1971 के चुनाव में एक बार फिर से मोहन स्वरुप चुनाव जीते लेकिन इस बार उन्होंने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। 1977 में भारतीय लोकदल ने जीत दर्ज की। 1980 और 1984 में कांग्रेस पार्टी ने फिर वापसी की।
संजय गाँधी की मौत के बाद गाँधी परिवार से अलग हुईं संजय गाँधी की पत्नी मेनका गाँधी ने जनता दल से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उसके बाद पीलीभीत लोकसभा सीट पर आअज तक कांग्रेस कभी वापसी नहीं कर पाई है। मेनका गाँधी 1996 से 2004 तक हुए चुनाव में लगातार 4 बार सांसद चुनी गयीं। मेनका गाँधी ने 2004 का चुनाव बीजेपी के टिकट पर लड़ा था। 2009 के चुनाव में पीलीभीत से मेनका गाँधी के बेटे वरुण गाँधी ने बीजेपी से लड़कर चुनाव जीता। इसके बाद 2014 में मेनका गाँधी ने एक बार फिर से पीलीभीत से चुनाव लड़ा और सांसद बनी। 2019 लोकसभा चुनाव में वरुण गाँधी ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
पीलीभीत से अब तक के सांसद
लोकसभा | वर्ष से | वर्ष तक | सांसद का नाम | पार्टी का नाम |
पहली | 1952 | 1057 | मुकुंद लाल अगरवाल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
दूसरी | 1957 | 1962 | मोहन स्वरुप | प्रजा सोशलिस्ट पार्टी |
तीसरी | 1962 | 1967 | मोहन स्वरुप | प्रजा सोशलिस्ट पार्टी |
चौथी | 1967 | 1971 | मोहन स्वरुप | प्रजा सोशलिस्ट पार्टी |
पांचवी | 1971 | 1977 | मोहन स्वरुप | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
छठवीं | 1977 | 1980 | मोहम्मद शमशुल हसन खान | भारतीय लोक दल |
सातवीं | 1980 | 1984 | हरीश कुमार गंगवार | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
आठवीं | 1984 | 1989 | भानु प्रताप सिंह | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
नौवीं | 1989 | 1991 | मेनका गाँधी | जनता दल |
दसवीं | 1991 | 1996 | परशुराम गंगवार | भारतीय जनता पार्टी |
ग्यारहवीं | 1996 | 1998 | मेनका गाँधी | जनता दल |
बारहवीं | 1998 | 1999 | मेनका गाँधी | निर्दलीय |
तेरहवीं | 1999 | 2004 | मेनका गाँधी | निर्दलीय |
चौदहवीं | 2004 | 2009 | मेनका गाँधी | भारतीय जनता पार्टी |
पंद्रहवीं | 2009 | 2014 | वरुण गाँधी | भारतीय जनता पार्टी |
सोलहवीं | 2014 | 2019 | मेनका गाँधी | भारतीय जनता पार्टी |
सत्रवीं | 2019 | अब तक | वरुण गांधी | भारतीय जनता पार्टी |