सूरज मणि ने गजब लिखी है ‘राम ‘ पर कविता

राम ही हैं आधार हमारे राम सभी के प्यारे हैं. भवसागर जो पार कराकर करते हमें किनारे हैं |

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अयोध्या मंदिर

राम ही हैं आधार हमारे राम सभी के प्यारे हैं
भवसागर जो पार कराकर करते हमें किनारे हैं ||

शौर्य ऊर्जा के परिचायक राम ही असली नायक हैं
मर्यादा पुरुषोत्तम वो इस संस्कृति के अधिनायक हैं ||

राम के ऊपर कोई टीप्पणी करने वाला पापी है
जीने का अधिकार न उसको आजीवन अभिशापी है ||

राम के हम अनुयाई हैं तो ये कर्तव्य हमारे हैं
उनका मंदिर भव्य बनाएं प्राणों से जो प्यारे हैं || 

नए सिरे से राम कहानी फिर दोहराई जाएगी
अवधपुरी की शाम सुहानी फिर से अब हो जाएगी

जब मंदिर बनकर के ऊंचे आसमान तक जाएगा
राम नाम का ध्वज फिर पूरी दुनिया मे लहराएगा ||

फिर कोई सीता को हरने रावण कभी न आएगा
आया भी तो राम के हाथों फिर वो मारा जाएगा

लिए आरती हाथ खड़े ये सूरज चाँद सितारे हैं
जैसे चौदह वर्ष बाद फिर राजा राम पधारे हैं || 

तेज गति से बहती कहती सरयू के जलधारे हैं
राम आपके चरणों में तो सबकुछ वारे न्यारे हैं

राम आपकी यश गाथाएं सदियों तक हम गायेंगे
प्राण जाए पर वचन न जाये वाली रीत निभाएंगे ||

सूरजमणि युवा गीतकार
सूरजमणि युवा गीतकार.

{ सूरज मणि (युवा गीतकार ) बनारस के रहने वाले हैं. वर्तमान में दिल्ली में रहते हैं . और विभिन्न कवि सम्मेलनों में काव्यपाठ साथ ही साथ अनेक टीवी चैनलों से काव्यपाठ कर चुके हैं। श्रृंगार रस में अपनी पहचान बनाने वाले सूरज मणि ने कक्षा 8 से ही कविताएं लिखना शुरू कर दिया था। बीएचयू में पढ़ाई के दौरान ही कवि सम्मेलनों में सहभागिता और संचालन करना शुरू कर दिया था।|


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