- यूपी पुलिस की कस्टडी में हुई लोगों की मौत
- पुलिस कस्टडी में मारे गए लोग
पोलटॉक नेटवर्क | लखनऊ
बीते दो दिन पहले उत्तर प्रदेश की चंदौली में एक ऐसी घटना हुई जिसका आरोप किसी व्यक्ति पर नहीं बल्कि लोगों की सुरक्षा में लगी उत्तर प्रदेश पुलिस पर लगा। दरअसल चंदौली में सैयदराजा थाना क्षेत्र के मनराजपुर गांव के निवासी और गैंगस्टर कन्हैया यादव को पकड़ने के लिए थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम ने कन्हैया यादव के घर दबिश दी। कन्हैया के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। पुलिस पर आरोप लगा कि इस दबिश के दौरान पुलिस ने परिवार के लोगों को जमकर पीटा। पुलिस की दबिश के बाद कन्हैया यादव की बेटी निशा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस पर आरोप है कि एक सिपाही ने उसके साथ रेप किया, जोर जबरदस्ती और मारपीट में उसकी मौत हो गई। वहीं कन्हैया यादव की बेटी घायल है। बीते सालों में ऐसे कई मामले आये हैं जब आरोप उत्तर प्रदेश पुलिस पर लगाया गया है। यहां हम आपको ऐसी ही कुछ घटनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं।
घटना संख्या एक- मनीष गुप्ता हत्याकांड
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में एक कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या का आरोप पुलिस पर लगा। मामले को लेकर दाखिल चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि 27 सितंबर को रामगढ़ ताल इंस्पेक्टर जे.एन. सिंह, फलमंडी पुलिस चौकी प्रभारी उप निरीक्षक अक्षय मिश्रा, विजय यादव और तीन अन्य पुलिसकर्मी कथित रूप से होटल के कमरे में घुस गए थे। उसी होटल में व्यवसायी मनीष गुप्ता अपने दोस्तों के साथ रह रहा था। पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर एक बहस के बाद उनकी पिटाई कर दी।उसके बाद पुलिस होटल के कमरे से बाहर निकली तो अपने साथ मनीष गुप्ता को लहूलुहान हालत में लेकर आई। पुलिस वालों ने मनीष को अधमरी हालत में अपनी गाड़ी में डाला और उसे मानसी अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन कुछ देर बाद ही वे मनीष को वहां से बीआरडी मेडिकल कॉलेज लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में छ: पुलिसकर्मियों को जेल भेजा गया था।
घटना संख्या दो- पुलिस के थर्ड डिग्री टार्चर से के बाद अस्पताल में मौत
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 17 जनवरी को राहुल नाम के लड़के पर उसके चाचा ने मोबाइल चोरी का आरोप लगाया। जिसके दो दिन बाद यानी 19 जनवरी को पुलिस राहुल के घर पहुंची और उसे पीटते हुए खींचकर चौकी ले आई। पुलिस ने राहुल की मां को यह कहा था कि दो-चार घंटों में छोड़ देंगे। लेकिन राहुल की मां जब दोबारा चौकी पहुंची तो वह दर्द से तड़प रहा था। पुलिस वालों ने उसे उसकी मां के साथ जाने दिया।
परिवार वालों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि जब राहुल घर आया तो उसने पुलिस द्वारा बेरहमी से मारपीट और थर्ड डिग्री के टॉर्चर की बात बताई। उसके बाद राहुल की हालात बिगड़ गयी और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। 23 जनवरी को राहुल की इलाज के दौरान ही मौत हो गयी। वहीं राहुल की मौत से पुलिस ने पल्ला झाड़ते हुए बताया कि पूछताछ के बाद उसे सुरक्षित छोड़ दिया गया था।
घटना संख्या तीन – थाने में फांसी लगाने से मौत
उत्तर प्रदेश के कासगंज में 21 साल की उम्र का अल्ताफ नाम का लड़का एक घर में टाइल लगाने का काम कर रहा था। 8 नवम्बर 2021 को वहां से एक लड़की लापता हो गयी। लड़की के घर वालों ने लड़की को लापता करने का आरोप अल्ताफ पर लगाया। पुलिस उसी दिन अल्ताफ को पूछताछ के लिए ले गयी। लेकिन अगले ही दिन 9 नवम्बर को खबर आयी कि अल्ताफ की मौत हो गयी है।
इस मामले ने अल्ताफ के परिजनों ने पुलिस पर उसे फांसी लगाकर मार देने का आरोप लगाया था। अल्ताफ के पिता ने कहा ‘पुलिस उसे शक के आधार पर थाने ले गई। वहां पुलिस वालों ने उसे फांसी लगा दी’ हालांकि इस मामले में पुलिस का कहना था कि अल्ताफ वाशरूम गया और अपनी हुडी में लगी डोरी निकाली फिर 2 फीट ऊंची टोटी में बांधकर फांसी लगा ली। जबकि अल्ताफ की लम्बाई 5 फुट 6 इंच थी
घटना संख्या चार- लॉक डाउन के बाद भी बेच रहा था सब्जी, पुलिस पिटाई से मौत
बीते वर्ष जब कोरोना अपने पीक पर चल रहा था तब कई पाबंदियां थीं। जिनमें से एक पाबन्दी ये भी कि तय समय के बाद सामन बेच नहीं सकते। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बांगरमऊ कस्बे में पाबन्दी में बताये गए समय के एक घंटे बाद भी फैजल नाम का लड़का सड़क पर सब्जी बेच रहा था। उसी दिन फैजल की मौत हो गयी जिसका आरोप बांगरमऊ पुलिस पर लगाया गया। फैजल के पिता ने पुलिस को आरोपी बताते हुए कहा था कि उसे 2 पुलिसवाले बाइक पर बैठा कर थाने ले गए। वहां उसे इतना मारा कि उसकी हालत और बिगड़ गई। अस्पताल में भर्ती कराया। वहां मौत हो गई।
वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है कि फैजल को थाने लाया गया जहां उसकी तबीयत बिगड़ी। पुलिसवाले अस्पताल ले गए और वहां इलाज के दौरान उसकी मौत गई। पुलिस इस मामले की CCTV फुटेज भी पुलिस नहीं दे पाई।