ज्ञानवापी मस्जिद के बाद मथुरा में ईदगाह के सर्वे की मांग, कोर्ट कमिश्नर की नियक्ति की गयी मांग

मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वे कराने को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर दिया गया है। जिस पर 10 मई को सुनवाई होगी

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मथुरा के शाही ईदगाह की सर्वे कराने की मांग की गयी 

ज्ञानवापी मस्जिद के तर्ज पर की गयी मांग 

पोलटॉक नेटवर्क | लखनऊ /आदित्य कुमार 

बनारस के ज्ञानवापी मस्जिद का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि अब भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा और शाही ईदगाह के विवाद ने जन्म ले लिया है। मथुरा के शाही ईदगाह का सर्वे कराने की मांग की गयी है। श्रीकृष्‍ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह के मामले में सर्वे के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। जानकारी के अनुसार अधिवक्ता महेंद्र प्रताप ने काशी की तर्ज पर मथुरा शाही ईदगाह की वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी और एडवोकेट कमिश्नर भेजे जाने के लिए कोर्ट में ये प्रार्थना पत्र दिया है।

याचिका में क्या की गयी मांग 

केशव देव बनाम शाही ईदगाह मस्जिद मामले के वादी एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि श्री कृष्ण जन्म केस में उन्होंने आज सिविल जज सीनियर डिविजन के न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दिया। इसमें मस्जिद परिसर की वीडियोग्राफी फोटोग्राफी कराई कराये जाने एव वहां मौजूद ॐ स्वास्तिक कमल हिन्दू कलाकृतियों की काशी की तर्ज पर वीडियोग्राफी कराकर न्यायालय में प्रस्तुत करने का प्रार्थना पत्र दिया है, ताकि न्यायालय के सामने सभी तथ्य पेश हो सके।

क्या है मथुरा की ईदगाह का मामला 

गौरतलब है कि दिसंबर 2021 में भी मथुरा में ही कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में भी श्री कृष्‍ण जन्मभूमि परिसर के पास शाही ईदगाह में नमाज पढ़ने पर रोक लगाने का अनुरोध भी किया गया था। श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने इस याचिका के जरिए कहा था कि ईदगाह में कभी नमाज नहीं पढ़ी जाती थी। याचिका में कहा गया था, ‘यह हिंदू पक्ष की संपत्ति है और ईदगाह परिसर में कभी नमाज अदा नहीं की गई, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में दूसरे पक्ष द्वारा जानबूझकर पांच बार नमाज अदा की जा रही है, जो कानूनी रूप से अस्वीकार्य है।’

10 मई को होगी सुनवाई 

अप्रैल 2022 में शाही ईदगाह मस्जिद इंतजामियां कमेटी पक्ष ने कहा था कि वादी पक्ष  ने जिस 13.37 एकड़ जमीन पर दावा किया है। इससे संबंधित कोई कागजात अदालत में पेश नहीं किए हैं यह वाद सुने जाने योग्य नहीं है। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद प्रकरण में सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में इंतजामियां कमेटी और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने उपासना स्थल अधिनियम पर बहस हुई थी। इस मामले में दूसरे पक्ष का कहना था कि पहले पक्ष की बहस पूरी होने के बाद ही वे जवाब देंगे। अब मामले की अगली सुनवाई 10 मई को होगी।

बता दें, श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक को लेकर दायर की गई याचिका में चार प्रतिवादी पक्ष बनाए गए हैं। जिनमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान (Shri Krishna Janmasthan Seva Sansthan), श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट, शाही ईदगाह मस्जिद और सुन्नी बोर्ड के नाम शामिल हैं। फिलहाल सभी मामले अभी न्यायालय में विचाराधीन हैं।


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