- समाजवादी पार्टी के एक कद्दावर नेता सक्रिय, दिल्ली की कंपनी की सिफारिश भी की
- आलम यह है कि अफसर ही मौजूदा सरकार को पंक्चर करने में जुट गए हैं
पोल टॉक ब्यूरो | दिल्ली
जहां एक ओर उत्तर प्रदेश सरकार अपनी छवि मजबूत करने के लिए पीआर कंपनी नियुक्त करने की कवायद में जुटी है, वहीं विपक्ष भी प्रच्छन्न रूप से अपना खेल खेलने की जुगत भिड़ा रहा है. सूत्रों की मानें तो प्रदेश में समाजवादी पार्टी के एक कद्दावर नेता ने दिल्ली की एक पीआर कंपनी के हक में फैसला लेने की सिफारिश सूचना तक पहुंचा दी है. दिल्ली की इस कंपनी ने टेंडर प्रक्रिया में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अपनी एक बी-टीम को भी मैदान में उतार दिया है, ताकि उसकी संभावनाएं बढ़ जाएं.
इतना ही नहीं, यह खेल इस कदर खेला जा रहा है कि शह और मात, दोनों एक ही कंपनी के हाथ में देने की तैयारी चल रही है. कहने को टेंडर के लिए चार कंपनियों ने हाथ आजमाया है, लेकिन उत्तर प्रदेश की सियासत में मच रही उठापटक से साफ संकेत मिल रहे हैं कि रुख दिल्ली की कंपनी की तरफ है. इस कंपनी ने मुख्यमंत्री का सोशल मीडिया देख रही कंपनी को भी अपने घेरे में लिया है. यह तय हुआ है कि अगर टेंडर इन्हें मिलता है तो दिल्ली का काम ये संभाल लेगी, यानी अगर टेंडर किसी दूसरी कंपनी को भी मिला तो उसमें भी बंदरबांट हो सकती है.
पूरा खेल यह है कि दिल्ली की कंपनी योगी सरकार के साथ पीआर की प्रैक्टिस करेगी और असली मैच अगली सरकार के लिए खेलेगी. समाजवादी पार्टी को शायद यह भरोसा है कि आने वाले समय में यूपी में अखिलेश यादव के नेतृत्व की सरकार होगी. ऐसे में सोशल मीडिया और पीआर, दोनों इसी कंपनी के हाथों में थमा दिया जाएगा. आलम यह है कि सरकारी तंत्र के मोहरे ही मिलीभगत कर अफसरों की शह पर मौजूदा सरकार को पंक्चर करने में जुट गए हैं. बड़ा सवाल यह भी है कि मुंबई की जो कंपनी समाजवादी पार्टी सरकार में पीआर का काम संभालती थी, आने वाले समय में उसकी भूमिका क्या होगी?