- कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और यूथ प्रदेश अध्यक्ष मुकेश भाकर भी खिलाफ
- राहुल, सोनिया और प्रियंका पर टीकीं सबकी नजरें, सरकार सेफ है !
संतोष कुमार पाण्डेय | सम्पादक
राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार भले ही हो लेकिन कांग्रेस के दोनों प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश भाकर गहलोत के खिलाफ है ? इसे क्या माना जाए ! क्या इन दोनों की नाराजगी से अशोक गहलोत बच पाएंगे या इससे कांग्रेस को एक बड़ा नुकसान हो जायेगा या से बचाया जा सकता है. पहली बार ऐसा हुआ है कि अशोक गहलोत के खिलाफ दोनों कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष खुल्लम-खुल्ला बगावत कर दिए हैं.
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क्या सचिन पायलट मानेसर से जयपुर लौटेंगे और अशोक गहलोत सरकार के साथ दिखाई देंगे ! लेकिन इसी बीच एक ट्वीट लाडनू के विधायक मुकेश भाकर का आ गया है. जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है” कांग्रेस में निष्ठा का मतलब है अशोक गहलोत की गुलामी, वो हमें मंजूर नहीं। मतलब उनका कहना है कि इन्हें गुलामी मंजूर नहीं है लेकिन सचिन पायलट के साथ खड़े हैं .
" जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है
उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है"कांग्रेस में निष्ठा का मतलब है अशोक गहलोत की गुलामी।
वो हमें मंजूर नहीं।— Mukesh Bhakar (@MukeshBhakar_) July 13, 2020
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अभी जो बात चल रही है वह यह कि अशोक गहलोत की सरकार बचेगी या नहीं ! लेकिन बड़ा सवाल यह है कि गांधी परिवार राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा किसके साथ हैं ? क्योंकि यहीं से तय होगा कि सरकार का क्या होगा ! हालांकि, सूत्र बता रहे हैं कि गाँधी परिवार अशोक गहलोत सरकार के साथ है. क्योंकि राजस्थान में अगर काग्रेस कमजोर हुई तो कांग्रेस के लिए यह सबसे बड़ा खतरा रहेगा. कांग्रेस यहाँ पर नुकसान नहीं उठाना चाहेगी.
यह है अंकीय खेल
कुल २०० विधान सभा सीट है. जिनमें से 107 कांग्रेस के पास और 75 एनडीए के पास है. और निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी अशोक गहलोत के पास है. इसलिए सरकार पास बहुमत से अधिक सीट है. यहाँ लड़ाई कुर्सी को लेकर है. 45 विधायक अगर कांग्रेस से भाजपा में जायेंगे तो कुछ हो सकता है. यह फिलहाल संभव नहीं दिख रहा है.