राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि 20 लाख करोड़ के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणाओं के क्रम में पांचवा व अंतिम राहत पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में क्रांतिकारी साबित होगा। उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इसके सुखद परिणाम जल्द ही देखने को मिलेंगे। राठौड़ ने कहा कि कोरोना संकट से जूझ रहे लोगों के लिए यह पैकेज एक ऐसा सुनहरा अवसर है जिसके माध्यम से न केवल सभी वर्गों को राहत मिलेगी बल्कि अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक विकास का उजाला पहुंचेगा। राठौड़ ने प्रधानमंत्री द्वारा कोरोना संकट में स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए किये गये 15 हजार करोड़ रु के प्रावधान में से 4113 करोड़ रु राज्यों स्थानान्तरित किये जाने का स्वागत किया।
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राज्यों की लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को संबल दिये जाने के लिए केंद्र के राज्यों के करो के हिस्से में 46 हजार करोड़ की राशि जारी करने, राजस्व हानि में 12390 करोड़ व राज्य आपदा कोष में 11000 करोड़ की राशि जारी करने का स्वागत करते हुए राज्य को ऋण लेने के सकल घरेलू उत्पाद को 3% से 5% बढ़ाने जिससे राज्यों को अतिरिक्त राशि 4.28 लाख करोड़ रु का प्रबन्धन करने का अधिकार मिलेगा. को राज्य की गिरती अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर बताया। साथ ही रिजर्व बैंक द्वारा राज्य में वेज एंड मिल्स की राशि में 60%बढ़ोतरी करने का स्वागत करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा पूर्व में एफबीआरएम एक्ट द्वारा निर्धारित कर्ज राशि का राजस्थान सरकार द्वारा उपयोग नहीं लिया जाना वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कतई उचित नहीं है।
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उपनेता प्रतिपक्ष ने आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज पालिसी लाने का निर्णय स्वागतयोग्य बताते हुए कहा कि इससे सभी सेक्टर्स में प्राइवेट सेक्टर के लिए संभावनाएं बढ़ेगी। राठौड़ ने कहा कि मनरेगा में प्रवासी श्रमिकों के लिए 40,000 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किये जाने से प्रवासी श्रमिकों को विषम परिस्थितियों में रोजगार प्राप्त करने से स्वावलंबी होने का अवसर मिलेगा।
उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि तकनीक की मदद से कोरोना के समय में शिक्षा देने के लिए PM-ई विद्या प्रोग्राम की शुरुआत करने, प्रत्येक कक्षा के लिए एक चिन्हित चैनल के माध्यम से शिक्षा का अवसर प्रदान करने से हर बच्चे तक शिक्षा का उजियारा फैलेगा। राठौड़ ने छोटे व लघु उद्योगों के लिए दिवालियेपन की सीमा 1 वर्ष के लिए एक लाख से एक करोड़ रु करने से इन्हें फायदा होगा और कंपनीज एक्ट में मामूली से उल्लंघन पर उसे अपराध की श्रेणी से बाहर करने के लिए उठाये गये कदम की भी सराहना की है.