लॉकडाउन के दौरान राजस्थान में कोई भूखा न सोये इसके लिए राजस्थान पुलिस लगातार काम कर रही है. पिछले दिनों कोटा और भीलवाड़ा के दो ऐसे मामले हैं जहां पर पुलिस के काम की जितनी तारीफ की जाय उतना ही कम है. आइये बात कर लेते है इन जरुरतमंदों को पुलिस तक पहुचाने वाले मनीष शुक्ला की जो जयपुर में मीडिया स्कूल चलाते हैं. उन्होंने इन दोनों घटनाओं के बारे में बताया है. राजस्थान के डीजीपी भूपेन्द्र यादव ने लिखित में ये आदेश दिया है कि कोई भी जरुरतमंद या मजदूर राजस्थान में भूखा न सोने पाये. इसका असर भी दिख रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद इस बात के लिए पुलिस प्रशासन की तारीफ की है.
5 दिन से भूखें स्टूडेंट्स को कोटा एसपी ने कराई खाने की व्यवस्था
बिहार और यूपी के करीब 25 स्टूडेंट्स कोटा के इन्द्रा बिहार में भोजन की तलाश में थे. उन्हें भोजन की जरूरत थी. स्टूडेंट्स को मेस बन्द होने के बाद इस समस्या का सामना करना पड़ा. जैसे ही कोटा एसपी गौरव यादव से संपर्क किया गया तो उन्होंने आधे घन्टे में ही खाने की व्यवस्था करा दी और स्टूडेंट्स को लॉकडाउन तक कोई परेशानी नहीं आने का आश्वासन दिया। उन बच्चों को भोजन मिल गया. उनके चेहरे पर फिर ख़ुशी लौट आई. इस बात की चर्चा कोटा में खूब हो रही है. लोग कह रहे हैं कि पुलिस असल में कोरोना वारियर्स बन चुकी है.
भीलवाडा में भी एसपी की शानदार पहल
रविवार को भीलवाडा के कंचन इन्डस्ट्री इलाके में फंसे करीब 6 से 7 मजदूर भोजन के लिए परेशान थे. जैसे ही यह जानकारी भीलवाड़ा के एसपी हरिन्द्र महावर को मिली तो उन्होंने तुरंत खाने की व्यवस्था करा दी। उन मजदूरों ने भी राहत की सास ली है. ये दो घटनायें तो बस एक बानगी है. ऐसे ही राजस्थान पुलिस लगातार काम कर रही है. जो बधाई की पात्र है. पोलटॉक ऐसे कोरोना वारियर्स को बधाई देता है.